अफ्रीका में पनपता अंधराष्ट्रवाद

Dial down the FREE Subscription for such premium content on our YouTube channel. How to Add Subscribe Button on YouTube Videos (Subscribe Button PNGs)

एक शब्द है ‘राष्ट्रवादिता’| बहुत ही सार्थक शब्द है अगर इसे एक दायरे में उपयोग किया जाता है| यह ऐसा शब्द है जिसे इतिहास से लेकर वर्तमान में भी चर्चा होती रही है| इस शब्द को उपयोग करने के लिए कभी इतिहास के क्रांतिकारियों का सहारा लिया जाता है तो कभी देश के फ़ौज का| राष्ट्रवाद और अंधराष्ट्रवाद के बीच बिल्कुल महीन अंतर है| उदहारण के तौर पर ‘हिटलर’ अपने प्रेमिका से कई साल बीत जाने के बाद इसलिए शादी नहीं करता है क्युकी उसका मानना था कि उसकी पहली प्रेमिका उसका राष्ट्र है| हालाँकि बर्लिन के तबाह होते देख अंतिम दिनों में शादी की थी| यहाँ भी दो पक्ष बन सकता है| एक इसे ‘राष्ट्रवाद’ की केटेगरी में डालेगा और दूसरा अंधराष्ट्रवाद| ऐसा नहीं है इतिहास तक ही यह शब्द सिमित रहा|

कल अखबार में दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफ़ेसर मीरा जी के एक लेख में अफ्रीका में बदलते उन्माद में बारे में चर्चा की थी जिसे राष्ट्रवादिता के रूप में देखा था| मेरे समझ से वहां एक अंधराष्ट्रवाद की बीज बोई जा रही है| मीडिया लॉबी की तरफ से ‘महात्मा’ बनने से पहले गाँधी की एकतरफा बात की जा रही है| अफ्रीका में पनपते इस विचारधारा से महात्मा गाँधी को एक खलनायक के रूप में पेश करने की कोशिश की जा रही है|

Decoding World Affairs Telegram Channel

इसका माध्यम बन रहा है ऐतिहासिक अत्याचार और रंगभेद| यह सत्य है कि शुरूआती दिनों में महात्मा गाँधी का विचार अफ्रीका को लेकर थोडा अलग था| यह भी सत्य है कि शुरूआती दिनों में अंग्रेजो के समर्थक थे| ऐसा भी नहीं था कि वो अंग्रेजों के कट्टर समर्थक थे| लेकिन हाँ उन्हें लगता था कि देश के लोगो के प्रति अंग्रेजों की रवैया बदलेगी| उन दिनों मात्र 23-24 साल के हुआ करते थे| गाँधी जी भी इन्सान थे बिल्कुल आपके और मेरे तरह| हर अनुभवों को बहुत करीब से देखा है| टेस्ट किया, अंग्रेजों के प्रति मोहभंग हुआ फिर अपनी सोच को बदला|

See also  सांप्रदायिक राजनीती में आप अपने आप को कहाँ ढूंढते है ?

अफ्रीका में सिर्फ गाँधी ही नहीं बल्कि नेल्सन मंडेला को भी लेकर अलग विचार पैदा हो रहे है| पुरे विश्व में एक सूडो राष्ट्रवाद की बीज बोई जा रही है| भारत में महात्मा गाँधी और अफ्रीका में नेल्सन मंडेला और महात्मा गाँधी दोनों को लेकर ऐसे उन्माद पैदा करना एक ज्वलंत उदहारण है| इसके पीछे वैश्विक राजनीती का हाथ है| हम सब जानते है कि अफ्रीका के साथ भारत का सम्बन्ध हर क्षेत्र में रहा है| गुजरात में ऐसा आदिवासी समूह है जो अफ़्रीकी लोगों से बिल्कुल सामानांतर है|

आज जब भी हमारे देश के प्रधानमंत्री वहां जाते है तो ऐतिहासिक और संस्कृति अस्मिता को जरूर याद करते है| इसी अस्मिता को ख़त्म करने की शाजिस है यह राष्ट्रवादिता| आपको पता है विश्व के सबसे बड़ा चाय निर्यातक हमारा उत्तरपूर्व भारत हुआ करता था अब अफ्रीका जगह ले रही है| इसमें अफ्रीकन लोगों का कोई हाथ नहीं है| चीन ‘HYV’ की बीज और तकनीक के सहारे मुनाफा कमा रहा है| चीन बहुत बड़े बड़े फार्महाउस खरीदकर बड़े पैमाने पर खेती कर रहा है| यहाँ तक कि एनर्जी और ‘कॉर्न फ्लेक्स’ बनाने के लिए मक्का आदि की खेती कर रहा है| हर तरह से उन्हें सपोर्ट कर रहा है|

स्वाभाविक सी बात से भारत से यह विरासत छिनना भी चाहेगा और अपनी विरासत तैयार करना भी| जिससे उनकी आने वाली पीढ़ी ठीक ऐसा ही व्यवहार करेंगी जैसा हम आज अफ्रीका के साथ करते है| यह किसी से नहीं छुपा कि भारत पुरे विश्व में उभरता हुआ सबसे बड़ा आर्थिक बाजार है| हर तरह से देश को परेशान करने की कोशिश की जा रही है| कभी भारत-पाकिस्तान के सीमा विवाद को मुद्दा बनाकर पूरा ध्यान खीचना, कभी अंतराष्ट्रीय संबंधो को प्रभावित करना|

See also  चरखा से ज्यादा कपास को इज्जत देना ज्यादा जरूरी

आज के अखबार में मैंने पढ़ा कि कल चाइना ने यह कहकर मसूद अजहर पर लगे यु.एन. बैन का विरोध किया, कि भारत में इसको लेकर अलग अलग विचार है| यह विश्व को एक खतरनाक सन्देश देगा| इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है| इसलिए विदेशी ताकतों द्वारा एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है जिससे अंधराष्ट्रवाद का बीज बो कर संबंधो को ख़त्म किया जा सके| सिर्फ उन पहलुओं को सामने लाए जो इस पौधे को बड़ा करने में मदद करे| इतिहास के उन शब्द को पूरी तरह से मिटा देना जो नकारात्मक विचारों पर भारी पड रही हो|

Spread the love

Support us

Hard work should be paid. It is free for all. Those who could not pay for the content can avail quality services free of cost. But those who have the ability to pay for the quality content he/she is receiving should pay as per his/her convenience. Team DWA will be highly thankful for your support.

 

Leave a Comment

Decoding World Affairs Telegram Channel