महात्मा गाँधी अउरी मार्टिन लूथर किंग के बीच वैचारिक संगम (भोजपुरी)

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पूरा विश्व में महात्मा गाँधी के 20वां शताब्दी के एगो महान विचारक के रूप में जानल जाला| भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के विचार अउरी दर्शन, पूरा दुनिया के प्रभावित कर चुकल बा| महात्मा गाँधी के ख़ास बात इ रहे कि उहाँ के विचार अउरी दर्शन जमीनी हकीकत बयाँ करत रहे| कहीं न कहीं उहाँ के विचार अउरी दर्शन में व्यक्तिगत तजुर्बा झलकत रहल बा, जवन उहाँ के अपना जीवन में महसूस कईले रही| ओही 20वां शताब्दी के एगो अउरी वैचारिक योधा रहले जेकर नाम ‘मार्टिन लूथर किंग’ रहे|

अमेरिकन माटी में जनमल मार्टिन लूथर किंग बहुत ज्यादा जिंदगी के अनुभव त ना कर पईले लेकिन जतना भी अनुभव कईले उ गहिराह अउरी बेजोड़ रहल बा जवना के छाप आज भी बा| मार्टिन लूथर किंग, गाँधी जी के दर्शन अउरी विचारन से काफी प्रभावित रहले| इहें से प्रेरणा लेके उहाँ के आपन रणनीति आ भाषण तईयार करत रही| अमेरिका में मानवाधिकार आन्दोलन के नेतृत्व में महात्मा गाँधी के भूमिका एगो गुरु के रूप में रहल बा| 20 वीं शताब्दी के एह दुनो वैचारिक योधान के विचार अउरी घटना में बरियार संगम रहल बा|

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मार्टिन लूथर किंग’ के एगो बड़ा मशहूर कथन बा ‘ईसा मसीह हमनी के लक्ष्य देले बाड़े आ महात्मा गांधी ओकरा के प्राप्त करे के तरीका|’ मार्टिन लूथर किंग 1959 में भारत अइले अउरी गांधी के कर्मस्थल के दौरा भी कईले| मार्टिन लूथर किंग के ‘अफ्रीकी-अमेरिकी गांधी’ भी कहल जाला| बहुत अइसन घटना, तजुर्बा अउरी विचार रहल बा जवन एकदम सामानांतर रहल बा| महात्मा गाँधी के जीवन (1869-1948) तक रहल बा| जबकी मार्टिन लूथर किंग के जिनगी (1929-1968) तक रहल बा| कुल मिलाके देखल जाव त महात्मा गाँधी फिर भी लगभग 79 साल तक जिनगी के अनुभव लेले रहले|

लेकिन मार्टिन लूथर किंग के मात्र 40 साल के युवा अवस्था में ही हत्या कर देवल गईल| अमेरिका में मार्टिन लूथर किंग के ठीक ओसही हत्या करल गईल जईसे भारत में महात्मा गाँधी के| दुनो जगह ओहिजा के अतिवादी समूह द्वारा प्रभाव ख़त्म करे लालसा में गोली मारके हत्या कर देवल गईल| दुनो लोग समाजसेवी रहे अउरी निचला तबका खातिर निरंतर आवाज बनत रहे अउरी न्याय अउरी समानता के कल्पना करत रहे| पूरा जीवन इ दुनो संत अहिंसक प्रक्रिया से संघर्ष कईलस लेकिन हिंसा से एह लोग के ख़त्म कर देवल गईल|

अमेरिका में ‘जिम क्रो लॉ’ नाम के एगो कानून रहे जवन जातिवादी अउरी नस्लभेदी चीजन के समर्थन करत रहे| एकरा खिलाफ मार्टिन लूथर किंग काफी लम्बा समय तक लडले| एकरा अलावा अमेरिका में एगो तय जगह रहे जहाँ नस्लभेद अउरी जातिवादी चीजन प बल देवल जात रहे जवना के “डिक्सी” कहात रहे| एकरो खिलाफ मार्टिन लूथर किंग काफी लम्बा समय तक लडले| एह दुनो वैचारिक योधा के विचार कई गो अइसन प्लेटफार्म बा जहाँ आके मिलेला| पहिला बा “जातिवादी(racism) के खिलाफ लड़ाई”|

अमेरिका में पब्लिक बसन में करिया आदमी खातिर अलग सीट आरक्षित रहे अउरी गोर आदमी खातिर अलगे| हर जगह करिया-गोर के प्रकोप रहे| एह रंगभेद के खिलाफ लडे के तमन्ना मार्टिन लूथर किंग में पैदा भईल| नस्लभेद आ जातिवादी के खिलाफ महात्मा गाँधी अफ्रीका में लड़ले जबकी एही नस्लभेद के खिलाफ मार्टिन लूथर किंग अमेरिका में लड़ले| दुनो आदमी नस्लभेदी के खिलाफ काफी तत्पर रहे लोग|

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दूसरा प्लेटफार्म रहे “अन्याय के खिलाफ लड़ाई”| मार्टिन लूथर किंग अमेरिका में करिया लोगन के वोट के अधिकार खातिर खूब आवाज उठवले अउरी सफल आन्दोलन कईले| महात्मा गाँधी भारत अउरी अफ्रीका दुनो जगह प अन्याय के खिलाफ आवाज उठवले रहले| सन्‌ 1955 में उहाँ के जीवन में एगो निर्णायक मोड़ आइल| एही साल कोरेटा से उनकर बियाह भईल, उहाँ के अमेरिका के दक्षिणी प्रांत अल्बामा के मांटगोमरी शहर में डेक्सटर एवेन्यू बॅपटिस्ट चर्च में प्रवचन देवे खातिर बुलावल गईल|

एही साल मॉटगोमरी शहर के सार्वजनिक बसन में करिया-गोर  के भेद के विरुद्ध एगो महिला “रोजा पार्क्स” आपन गिरफ़्तारी देली| एकरा बाद ही डॉ॰ मार्टिन लूथर किंग एगो बरियार आ प्रसिद्ध बस आंदोलन चलवले| पूरा 381 दिन तक चलल एह सत्याग्रही आंदोलन के बाद अमेरिकी बसन में करिया-गोर यात्रियन खातिर अलग-अलग सीट रखे के प्रावधान खत्म कर देवल गईल| बाद में उहाँ के धार्मिक नेता लोगन के मदद से समान नागरिक कानून आंदोलन के अमेरिका के उत्तरी भाग में विस्तार कईले|

ठीक असही महात्मा गाँधी भारत में अन्याय के खिलाफ बरियार लड़ाई लड़ल रहले| गांधी जी के पहिला बड़हन उपलब्धि १९१८ में चम्पारन अउरी खेड़ा सत्याग्रह, आंदोलन में मिलल| अंग्रेजन के अउरी जमींदारन के दमन के चलते चंपारण में जबरन किसानन से खाद्य फसल के जगह प नील के खेती करवावल जात रहे| ओकरा में दिक्कत इ रहे कि नील के जड़ अतना ना गहिराह रहे कि खेत के उर्वरकता ख़त्म कर देत रहे| एकरा बादो कर शुक्ल माफ़ ना होत रहे| खाए के अन्न के संकट बढ़ल चलल चल जात रहे| किसान के कुछ मिल ना पावत रहे अउरी हालत बद से बत्तर होखत चलल चल जात रहे|

एकर अगुआई महात्मा गाँधी कईले अउरी अन्याय के खिलाफ बुलंद आवाज उठईले| गांधी जी जमींदारन के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन अउरी हड़ताल के नेतृत्व कईले जे अंग्रेजी सरकार के मार्गदर्शन में ओह क्षेत्र के गरीब किसाननके अधिक क्षतिपूर्ति मंजूर करे तथा खेती प नियंत्रण, राजस्व में बढोतरी के रद्द करे तथा एकरा के संग्रहित करे वाला एगो समझौता प उहाँ के हस्ताक्षर कईनी| एह तरह के अन्याय के खिलाफ उहाँ के अलग अलग माध्यम जईसे असहयोग आन्दोलन, स्वज्ञा अविनय आन्दोलन, सत्याग्रह आन्दोलन आदि से अन्याय के खिलाफ आवाज उठवनी|

तीसरा प्लेटफार्म जहाँ एह दुनो योधान के अनुभव मिलेला, उ कि दुनो लोगन के एक समान अन्याय झेले के परल बा| अन्याय के कईसन होला एकर एहसास कईले बा| 7 जून 1893 के अश्वेत होखला के वजह से दक्षिण अफ्रीका में, ओह घरी बैरिस्टर रहले गांधी जी के ट्रेन से धक्का देके उतार देवल गईल रहे| भईल इ रहे कि 1893 में गांधी जी गुजरात के राजकोट में वकालत के प्रैक्टिस करत रहन| ओही घरी गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका से सेठ अब्दुल्ला के एगो  मुकदमा लडे खातिर बुलावल गईल रहे|

गांधी जी पानी के जहाज प सवार होके दक्षिण अफ्रीका के डरबन पहुंचले| ओहिजा 7 जून 1893 के उहाँ के प्रीटोरिया खातिर ट्रेन पकड़नी| गांधी जी के लगे फर्स्ट क्लास के टिकट रहे| एकरा बादो जब ट्रेन पीटरमारिट्जबर्ग पहुचे वाली रहे त उहाँ के  थर्ड क्लास वाला डिब्बा में जाए खातिर कहल गईल| लेकिन गांधीजी इनकार कर दिहले| तब उहाँ के जबरदस्ती पीटरमारिट्जबर्ग स्टेशन प उतार देवल गईल| इ घटना अतना गहिराह रहल कि मोहनदास करमचंद गाँधी के महात्मा गाँधी बनवलस|

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ठीक असही मार्टिन लूथर किंग के अमेरिका में अन्याय के शिकार होखे के परल रहे| मार्टिन लूथर किंग ओह घरी मात्र 14 बारिस के रहले जब उहाँ के रंगभेद के अनुभव भईल| उ अनुभव उहाँ के जीवन प बहुत गहरा असर कईले रहे| मार्टिन लूथर किंग के कहल गईल रहे कि एगो डिबेट कम्पटीशन खातिर ओही ‘डिक्सी’ स्टेट जाए के रहे जहाँ रंगभेद चरम प रहे| विषय रहे ‘द नेगोस एंड कंसटीच्युशन’| मार्टिन लूथर किंग भाग लिहले अउरी जज लोगन द्वारा खूब प्रशंसा बटोरले| डिबेट भईला के बाद जब वापस एटलांटा लौटत रहले तब उहाँ बस के पिछला सीट पर बईठल रहनी|

कुछ देर तक बईठनी लेकिन कुछ समय बाद जब गोरा लोग बस में प्रवेश कईलस तब उहाँ के कहल गईल कि गोरा लोग खातिर सीट खाली कर देस| पहिले त इनकार कईले लेकिन जब उहाँ के शिक्षिका द्वारा मार्टिन लूथर किंग के कहल गईल कि सीट छोड़ देस आ इ कानून के खिलाफ बा| तब मार्टिन लूथर किंग के बहुत गहरा धक्का लागल जवना उनका अन्दर संघर्ष के बीज बो देलस| महात्मा गाँधी के संघे भी यात्रा के दौरान असही इंसानियत के फजीहत भईल रहे| दुनो लोगन के जीवन प एकरा बहुत गहरा असर रहल बा|

महात्मा गाँधी के वैचारिक विकास पश्चिमी विचारक से ही भईल रहे| ठीक ओसही जईसे मार्टिन लूथर किंग के वैचारिक विकास पश्चिमी विचारक लोगन से भईल रहे| अंतर बस अतना रहे कि पश्चिमी विचारक लोगन के विचार के महात्मा गाँधी जमीन पर उतरले अउरी एह विशाल प्रयोग में उहाँ के सफल भईनी| इहे प्रोग उहाँ के महात्मा बनवलस जवन मार्टिन लूथर किंग के अन्दर विश्वास पैदा कईलस कि अहिंसा जईसन थ्योरी के प्रयोग संभव बा|

महात्मा गाँधी कभी भी बाइबिल नईखी पढले लेकिन ‘क्रिस्चियन एथिक्स’ के बारे में हर जगह उहाँ के चर्चा कईले बानी| एह ‘क्रिस्चियन एथिक्स’ के विचार सत्य, प्रेम, सद्भाव आदि के प्रेरणा उहाँ के टॉलस्टॉय के किताब ‘द किंगडम ऑफ़ गॉड विथ इन यू’ से लेले बानी, जवना के बारंबार चर्चा कईले बानी| ठीक असही भारत के इतिहास में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में संपन्न भईल एगो आन्दोलन ‘असहयोग आन्दोलन’ काफी चर्चित रहल बा| एह ‘असहयोग आन्दोलन’ के प्रेरणा महात्मा गाँधी ‘थोराऊ’ के विचार के प्रेरित रहे जवना के प्रयोग महात्मा गाँधी भारत में कईले रहले| मार्टिन लूथर किंग भी एह दुनो पश्चिमी विचारक से काफी प्रभावित रहले|

ठीक असही महात्मा गाँधी ‘अहिंसा’ जईसन विशाल हथियार के प्रेरणा पश्चिमी विचारक कारपेंटर से लेले रहनी| कारपेंटर के विचार हमेशा औद्योगीकरण के खिलाफ रहे अउरी एगो प्रतिस्पर्धा रहित उद्योगन के कल्पना करत रहले जवन मनुष्य के शोषण मत करत होखे| उहाँ के किताब ‘सिविलाईजेशन इट्स कॉज एंड रेमेडीज’ पढला के बाद महात्मा गाँधी के विचार प बहुत गहरा असर परल रहे| ‘अहिंसा’ शब्द ओहिजे से प्रेरित भईल रहे| महात्मा गाँधी एगो अउरी चीज के बारे में बहुत जोर दिहले रहले| उ रहे हर इंसान के प्रति ‘इज्जत’ चाहे ओह आदमी के कवनो प्रोफेशन काहे ना होखे|

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समान इज्जत के बात उहाँ के हमेशा करत रहल बानी| एह विचार के प्रेरणा महात्मा गाँधी ‘रस्किन’ से लेले रहनी| गाँधी जी के मित्र रस्किन के किताब उहाँ के पढ़े के दिहनी| एह किताब से अतना प्रेरित भईनी कि सुबह उठते ही ओकरा के ट्रांसलेशन करे ले लाग गईनी| ओह किताब से प्रभावित होकरके महात्मा गाँधी गुजराती भाषा सबसे पहले ‘हिन्द स्वराज’ नाम के किताब लिखनी| मार्टिन लूथर किंग भी एह विचारन से प्रभावित रहले लेकिन एह विचारन के प्रयोग महात्मा गाँधी से ही सिखले|

महात्मा गाँधी अउरी मार्टिन लूथर किंग में एगो अउरी गहिराह वैचारिक समानता इ रहे कि दुनो लोग अपना धार्मिक आस्था से काफी करीब रहे| महात्मा गाँधी वेद, उपनिषद अउरी महाभारत आ रामायण से भी काफी प्रभावित रहन| मार्टिन लूथर किंग भी बाइबिल के विचारान के काफी करीब रहन| बाइबिल के एथिक्स से महात्मा गाँधी भी काफी प्रभावित रहले| एकरा अलावां महात्मा गाँधी एम्.एन. रॉय, रबिन्द्रनाथ टैगोर अउरी भीम राव आंबेडकर से काफी प्रभावित रहले|

महात्मा गाँधी न सिर्फ पश्चिमी विचारक बल्कि देश के भी तत्कालीन विचाराकन से काफी प्रभावित रहन| जईसे महात्मा गाँधी रविंद्रनाथ टैगोर के राष्ट्रवाद अउरी मानवता जईसे चीज से प्रेरित रहन| ओसाही भीम राव आंबेडकर के सामाजिक न्याय के कांसेप्ट से बहुत प्रभावित रहले| ठीक असही मार्टिन लूथर किंग गाँधी जी के साथे साथे अपना देश के विचारक से भी काफी प्रभावित रहन| वेब डू बोइस जे पहिला करिया आदमी रहन जेकरा होवार्ड यूनिवर्सिटी से डिग्री मिलल रहे| मार्टिन लूथर किंग के किताब ‘ब्लैक रिकंस्ट्रक्शन 1935’ अउरी ‘रोल ऑफ़ ब्लैक इन डेवेलोपिंग अमेरिका’ के विचारान से मार्टिन लूथर किंग के नया आयाम मिलल रहे|

एह प्रकार से 20वां शताब्दी के दुनो विचारक अहिंसा के रास्ता अख्तियार करके दुनिया में एगो एगो गहिराह छाप छोड़ गईले जा| एह दुनो लोग के विचार अउरी शोषण झेले के अनुभव भी एके रहे| महात्मा गाँधी जी त फिर जीवन के पूरा अनुभव कईले लेकिन मार्टिन लूथर किंग के युवा अवस्था में ही हत्या कर देवल गईल| लेकिन एह कम उम्र में ही जतना गहिराह काम कर चुकल बाड़े आ विश्व के अइसन राह देखा गईल बाड़े कि उहाँ के प्रतिबिम्ब आज भी समाज में दिख रहल बा| अमेरिका के ब्लैक रहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा एगो साक्षात प्रमाण रहल बाड़े|

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