भोजपुरी भाषा अउरी आखर (भोजपुरी)

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मानी रउआ से कोई कैजोलिंग (फुसलावे) चाहे कनविंस (राजी) करेके कहो तब सबसे ज्यादा जरूरत मातृभाषा के ही पड़ेला. मातृभाषा एगो अइसन चीज होला जवना से राउर फीलिंग बाहर आवेला. हमार कहे के मतलब इ बा कि जइसे कौनो बात सोचेनी जा चाहे राजनीती के होखे,चाहे सामाजिक काम के या फिर कोई काम जवना के खुद राह चलत चिंतन मनन करत होखी जा.

उ सब काम अपने भाषा में होला एह चीज के हम खुद महसूस कईले बानी. कौनो भाषा सिखेली जा ता ओकर एगो आधार भाषा होला जवना के मदद से अन्य भाषा सिखेली जा ओकरे के मातृभाषा कहल जाला. जैसे हिंदी सीखनी जा घर से भोजपुरी के आधार पर फिर अंग्रेजी हिंदी के आधार पर और फिरू जर्मन सिखनी अंग्रेजी के आधार पर सब एक दूजा चक्र से सम्बंधित बा.

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एक लाइन में कही तs इ कि कौनो भाषावा सीखी, लिखी,पढ़ी लेकिन सोचम तs अपना मात्रेभाषा में नु | फिर प्रश्न उठता कि लोग गाँव जवार में एगो हीन भावना काहे पैदा होखेला जब कोई भोजपुरी बोलेला और भोजपुरी में गुनगुनाला तब. ओकरो पीछे कारण बा भाषा में अश्लीलता जवना चले कौनो अभिभावक ना चाहे कि घर में ओह तरह के कौनो गाना बाजे आ कोई सुने जवन कि पारिवारिक दृष्टिकोण से ठीक बा.

गलत चीज ना सीखे से बढ़िया बा सीखबे ना करी लेकिन अउर बढ़िया रहित जब लोग एकरा के सही करीत. एह चीज के आस रुआ अगर नेताजी लोग से लगाईब तs एमे राउर बेवकूफी बा. वोट के ध्रुवीकरण के आगे जब हिंदुत्व के महीसा लोग अपना सिधांत से समझौता कर सकेला तब भोजपुरी के का काहे के बा.

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एहसे अगर कौनो सुधार के गुंजाईस बा तs उ आम नागरिक ही कर सकेला. युवा पीढ़ी सामने आके एकरा पर ध्यान दे सकेला. हम खुद एगो गैर सरकारी संगठन से निहोरा कईले बानी कि अपना मैनिफेस्टो में डालो एह मुद्दा के जवन कि भोजपुरिया क्षेत्र में अग्रसर बा. अइसने कुछ आदरनिये लोग एगो संगठन के माध्यम से आपन आवाज उठावे के कोशिश करता ओकर नाम हवे “आखर”. काफी हद तक सफलता के ओर जा रहल बा लेकिन चुनौती अभी काफी बा.

इ कुल चीज केमिस्ट्री के रिएक्शन ना हवे कि डलली लिटमस देखनी चमत्कार एह सब में समय लागी लेकिन परिणाम निश्चित रूप से सकारात्मक आई. गलत चीज के उपभोक्ता ही ओह गलत चीज के सफलता के कारण बा जवना से चंद पल के ख़ुशी मिलेला. खैर उपभोक्ता के जागरूक कईल मुश्किल काम जरूर बा लेकिन नामुमकिन ना. हमरा अभियो याद बा जब हम बहूत छोट रही तब तिन गो गाँव शिवपुर,लहठान अउरी डेढ़गाँव के साथे एगो भाई सम्मलेन होत रहे होली के समय जवना में होली गवात रहे और प्रेमभाव बाटल जात रहे पूरा रात चलत रहे प्रोग्राम. अइसन चीज छुटल जाता बचावे के काम बा बशर्ते नेताजी लोग के गती मत मिले इ सब में ना तs छती पहुचेलागी…..

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