पश्चिमी उदारवाद दक्षिणपंथी उदय से परेशान क्यों न हो ?

अमेरिका चुनाव के बाद से मै सोच रहा था कि मै भी अपना पक्ष रखु| मुझे नहीं पता कि अमेरिका चुनाव में ट्रम्प के जीत के लिए भारत में हवन क्यों हो रहे थे? एक बात कही जाती रही है कि डोनाल्ड ट्रम्प को जनता ने चुना है तो क्या जनता के मैंडेट पर सवाल करना लोकतंत्र में उचित है? यह सत्य है कि डोनाल्ड ट्रूप को जनता ने चुना है इसलिए लोगो के मैंडेट की इज्जत करनी चाहिए| मै भी करता हूँ| एक सवाल यह भी है कि आखिर कथित पश्चिमी उदारवाद इससे परेशान क्यों है? आखिर क्यों न हो?

जैसा कि आप सभी ये अच्छी तरह से जानते है कि कितना संघर्ष के बाद मार्टिन लूथर किंग ने एक ओबामा जैसे लोग को पैदा किया जो उस पद के खड़ा हो सके| मार्टिन लूथर किंग को अमेरिका में और महात्मा गाँधी को भारत में, दोनों लोगो की इसी दक्षिणपंथ ताकतों द्वारा हत्या कर दी गई| दोनों लोगो ने अपने अपने मुल्क में रंग-भेद और सामाजिक न्याय के लडे थे| ये लोग सामाजिक एकजुटता की बात करते थे जो दक्षिणपंथी ताकतों को बिल्कुल भी पसंद नहीं था|

दक्षिणपंथी का आगाज होने का मतलब यह कतई नहीं है कि वो ताकतवर है| बल्कि सत्य यह है उदारवाद कमजोर होता जा रहा है| जब कमजोर होगा तो परेशान होना लाजमी है| मेरे समझ से खासकर भारत में, इनके कमजोर होने में पीछे का कारण यह है कि इन्होने अपने आप में तकनिकी इजाद नहीं किया, प्रचार-प्रसार के तरीकों में तबदीली नहीं की और नाही आरएसएस जैसी सामानांतर संस्थाएं बनाई|

See also  छठ पूजा कोई ढोंग नहीं बल्कि एक आत्मसम्मान की पूजा है

इसमें दक्षिणपंथी ताकतें आगे रही| शिशु विद्या मंदिर जैसी संस्थाओं ने सामाजिक शिक्षा और काम के नाम पर बचपन से लोगों में अपनी सोच भरने में सफल रहे| इसका परिणाम यह हुआ कि इनके लिए भारी संख्या में कार्यकर्ता और सोशल मीडिया पर प्रचार करने वाले लठैत उभर के आए| इनसब में उदारवादी ताकतें पीछे रही जिसका खामियाजा हार के रूप में भुगतना पड़ता है|

सवाल चुनने की है तो पुतिन को भी रूस में जनता ने ही चुना है| ये वही पुतिन है जो चुनाव जितने के लिए खुद एक अपार्टमेंट में बम लगवाते है| और आरोप उक्रेन पर लगाकर उसपर बमबारी करते थे ताकि वो लोगो के दिल जित सके| भ्रष्टाचार में तो शायद वो वर्ल्ड में नंबर वन पर आएँगे| हमारे यहाँ के सैकड़ों ए राजा और कन्निमोजी मिलेंगे तब भी भ्रष्टाचार का मुकाबला नहीं कर पाएंगे| ऐसी ही चीजें पाकिस्तान के मुशर्रफ़ भी चाहते थे| ऐसी ही चीजों से जर्मनी में हिटलर जैसे लोग पैदा हुए जिनका मानना था सारी समस्याओं का जड़ यहूदी लोग है| इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए माननीय श्री डोनाल्ड ट्रम्प जी पैदा हुए है जो ये सोचते है कि मुस्लिम समाज ही आतंकवाद है|

यह जो सूडो राष्ट्रवाद की बिज बोई जा रही है वो पुरे विश्व के लिए खतरनाक है| दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गाँधी का कांसेप्ट ख़त्म करने के लिए उन्हें विलेन के तौर पर पेश किया जा रहा है| उनकी मूर्तियाँ तोड़ी जा रही है| भारत का तो आपको पता ही है कि 2 अक्टूबर को फोटो पर माला पहनाने के अलावां कितने इज्जत होती है| जो लोग २ अक्टूबर को माला पहनाते है वही दक्षिणपंथी लोग गोडसे की मंदिर के लिए भी वकालत करते है| कोई भी स्टैंड साफ़ होनी चाहिए| ये दोहरा चरित्र धोखा है|

See also  100 years of CPC: Why aggressiveness of China is all time high?

यही चरित्र उस लोकतंत्र को ख़त्म कर देना चाहती है जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने पीठ पर लाठियां खाई है| ट्रम्प साहब का मानना है कि वो नाटो वापस ले आएँगे और कही भी किसी दुसरे देश में स्कूल और स्वास्थ्य के लिए काम नहीं करेंगे| अगर इसे ख़त्म करना है, दुसरे मुल्कों(जो बेहद पिछड़े है) के भलाई के लिए स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र बनाकर स्टेबल नहीं करना तो आई.एम.ऍफ़. में जिस ताकतवर कुर्सी पर बैठे है उसे छोड़ दे|

अगर सिर्फ अपने राष्ट्र के बारें में सोचना है और विश्व शांति के लिए बात नहीं करनी तो यूनाइटेड नेशन कुर्सी छोड़ के घर बैठे क्युकी उसका एक क्लॉज़ यह भी रहा है| कुर्सी भी नहीं छोड़ेंगे और काम भी नहीं करेंगे, इस दादागिरी की बात जो डोनाल्ड ट्रूप साहब कर रहे है वो अमेरिका के बर्बादी की पहली सीढ़ी है|

Spread the love

Support us

Hard work should be paid. It is free for all. Those who could not pay for the content can avail quality services free of cost. But those who have the ability to pay for the quality content he/she is receiving should pay as per his/her convenience. Team DWA will be highly thankful for your support.

 

Be the first to review “पश्चिमी उदारवाद दक्षिणपंथी उदय से परेशान क्यों न हो ?”

Blog content

There are no reviews yet.

error: Alert: Content is protected !!