आजादी के ठीक बाद भारत के पास मौका रहे कि संयुक्त राष्ट्र के हिस्सा बन सके| लेकिन दुर्भाग्य के बात इ रहल कि तब के सत्ता पक्ष के नेता आ भारत के पहिला प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के एह विषय प राय बिल्कुल अलग रहे| परिणामस्वरूप वर्ष 1953 के आसपास जवाहरलाल नेहरु ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता’ लेवे से इनकार कर देले रहन| इहे ना जवाहरलाल नेहरु सुझाव देले कि ‘इ सीट चीन के दे देवल जाव’| आज उहे चीन भारत के स्थाई सदस्यता मिले के पूरा विरोध करेला| सच बात इ का कि उ दूरदर्शी ना रहन| आगे के भावी पीढ़ी के भापे में भूल कर देहले रहन| उहाँ के सोच इ रहे कि भारत के कभी शक्ति प्रदर्शन के जरूरत नइखे| बहुत ज्यादा आइडियलिस्टिक तौर प उहाँ के देखत रही| ओकरा बाद से भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र में आपन दवादारी पेश करत रहल बा आ हर बार नाकाम रहल बा| लेकिन २१वीं शताब्दी में स्तिथि काफी बदल चुकल बा|
भारत के प्रधानमंत्री पूरा विश्व भ्रमण करके एगो बल तईयार कर रहल बाड़े जवना के भारत के उचित अधिकार आ ताकत मिलो| वैश्विक स्तर प विभिन्न प्रकार सम्मलेन अउरी द्विपक्षीय वार्ता के जरीय आपन भागीदारी दिखा के आपन उचित स्थान अउरी संतुलित बाजार बनावे के गुहार कर रहल बा| G20 ओही सम्मलेनन में से एगो ह| एकर इतिहास बहुत अलग रहल बा| एकर निर्माण 1975 में भईल रहे| ओह घरी 6 गो देश ही रहे आ एकर नाम G6 रहे| ओह छव देशन में इटली, जापान, फ्रांस, जर्मनी, यु.के. अउरी यु.एस.ए. रहे| एक साल बाद एगो अउर देश कनाडा जुडल| एकर नाम G7 हो गईल| कुछ साल बाद 1991 में सोवियत संघ के विघटन भईला के बाद रूस जुडल| फिर एगो अउर देश जुडला से एकर नाम G8 हो गईल| लेकिन रूस के क्रीमिया प हमला करके कब्ज़ा करे के चले ओकरा के एह टीम से निकाल देवल गईल| चुकी क्रीमिया यूक्रेन के हिस्सा रहे जवना प रूस कब्ज़ा कर लेले रहे|
1999 के जाके भारत अउरी चाइना जईसन तेज गति से बढ़ रहल देशन के जोड़े के बात सामने आइल| ओह घरी अउरी देशन के जोड़ के G20 के गठन भईल| एह बीस देशन में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरबिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यू.के., संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ आदि शामिल बा| एह G20 के लक्ष्य रहे कि अंतराष्ट्रीय वित्तीय स्तिथि से नियंत्रित कईल जा सको| सभे मिल के एगो प्रतिबद्ध तरीका से व्यावसायिक प्लान बनाए अउरी विकासशील देशन के आर्थिक स्तिथि अउरी विषय प चर्चा होखे| एकर अध्यक्ष अर्जेंटीना के रहे वाली मौरिसियो मक्री हई| अबकी शिखर सम्मलेन हैम्बर्ग जर्मनी में भईल ह| जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में जी-20 शिखर सम्मेलन के एक साँझ पाहिले पुलिस अउरी प्रदर्शनकारियन के बीच झड़प भईल| एह विरोध के पीछे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी एगो कारण रहन| उनका के एगो फासीवादी चेहरा के रूप में लोग विरोध कईलस| संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से अमेरिका के बाहर कईला के चलते भी डोनाल्ड ट्रम्प के विरोध झेले के पडल|
एह विरोध में लेफ्ट सरकार शामिल रहे| डोनाल्ड ट्रम्प के पूंजीवादी सोच भी विरोध के एक मुख्य कारक में से एगो रहे| पाहिले के बैठकन लेखा एह बार भी दुनिया भर के ताकतवर अर्थव्यवस्थान के मुखिया एह सम्मेलन में शरीक भईले अउरी ओह तमाम मुद्दन आ समस्यान प आपन आपन राय रखल ह लोग| एह बार अपेक्षाकृत अधिक शांत माहौल में इ सम्मेलन संपन्न भईल| सहभागी देशन के सामने ना त बहुत माथापच्ची करे वाला कवनो मसला रहे अउरी न ही अप्रत्याशित उथल-पुथल के दौर के कवनो आशंका| वैश्विक अर्थव्यवस्था के ना त बरियार होखे के कवनो संकेत रहे अउरी नाही कवनो प्रकार के आपदा के संकेत रहे| वैश्विक अर्थव्यवस्था के जवना हिसाब से गढ़ल जा रहल बा ओकरा के, हैम्बर्ग में उपस्थित हर कोई संतुष्ट ना रहे अउरी भूमंडलीकरण के प्रचलित सिद्धांतन के मुखर विरोध भी भईल| एहू बार प्रदर्शनकारियन के गुट हैम्बर्ग में मौजूद रहे, ताकि मौजूदा व्यवस्था के खिलाफ वे आपन विरोध दर्ज करा सको| उ लोग आपन मौजूदगी दर्ज करावे में जरूर सफल रहे, लेकिन जी-20 के फैसलन के प्रभावित ना कर पाइल|
जी-20 जईसन अंतरराष्ट्रीय मंचन प अमेरिका के प्रभाव के लिहाज से एकर नतीजन प ट्रंप के विचारन के असर पड़ल लाजिमी बात रहे| नतीजतन, अइसन कव गो मामला रहे, जवना प कुछ ठोस ना भईल, जबकि पाहिले जी-20 के देश ओह्सब प एकमत रहे| एकरा बावजूद जी-20 के इ सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण रहल| इ कईएक नेतान के ओह बिंदु प आपस में बातचीत करे के मौका देलस| शिखर सम्मेलन से हटके जवना द्विपक्षीय मुलाकातन प सबके नजर रहे, उ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अउरी उनकर रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के मुलाकात| एकर कुछ कारण भी रहे| असल में, हाल के दिनन में रूस अउरी अमेरिका के रिश्ता तनिमनी ख़राब भईल बा| रूस प साइबर हैकिंग के जरिए अमेरिका में दखल देवे के आरोप लागल रहे| हालांकि रूस एकरा से हमेशा इनकार करत आईल बा| आशंका रहे कि हैम्बर्ग के एह मुलाकात में दुनों नेतान के अंतर्विरोध साफ-साफ लउकी| लेकिन अइसन भईल ना| मुलाकात दोस्ताना ही रहल| इहे ना बल्कि दुनो देशन के बीच सीरिया में सीमित संघर्ष-विराम के लेके सहमति भी बनल| हमार व्यक्तिगत मानना बा कि हैम्बर्ग बैठक अच्छा नतीजान में से एगो रहे|
जहाँ तक बात भारत के बा त एह बैठक में बहुत ज्यादा सक्रियता देखे के मिलल| खासकरके आतंकवाद जईसन खतरान से निपटे खातिर मुद्दान प चर्चा भईल| नतीजतन, सम्मेलन के अंत में जारी दस्तावेज में आतंकवाद के खिलाफ ‘एक्शन-लाइन’ के जिक्र कईल गईल, जवना में भारत के चिंतान के बखूबी जगह देवल गईल| एकरा में कवनो दुगो राय नइखे कि भारत खातिर इ संतोष के विषय के बा| जी-20 बैठक में भारत अउरी चीन, दुनो मुल्कन के मुखिया मौजूद रहन अउरी ओह लोग के मुलाकात के लेके अटकल अउर भी तेज हो गईल रहे| एकरा पीछे तर्क इहे देवल चाहब कि भारत-भूटान अउरी चीन के संयुक्त सीमा प अप्रत्याशित तनाव बढ़ चुकल रहे| बढ़िया बात इ रहल कि दुनो लोगन के मिले के व्यवस्था कईल गईल, अउरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एगो गर्मजोशी से भरल मुलाकात भईल| दुनो देश साथ-साथ कुछ वक्त गुजारल, जवना के असर दुनो देशन के सीमा प हालात के सुधारे के रूप में लउकल| इहो बात सही बा कि भारत-चीन-भूटान के संयुक्त सीमा प पैदा भईल विवाद के पूरा हल ना हो पाइल| मगर उम्मीद बा कि दुनों देशन के नेता एह समस्या के सुखद समाधान जरूर निकाल लिहे|
एह शिखर सम्मलेन के ख़ास बता इहो रहे कि द्विपक्षीय वार्ता के एगो बढ़िया मौका मिलल रहे| एह शिखर सम्मेलन के पृष्ठभूमि में अर्जेटिना, कनाडा, इटली, जापान, मैक्सिको, रिपब्लिक आफ कोरिया, ब्रिटेन अउरी वियतनाम के साथे निर्धारित द्विपक्षीय बैठक भईल| एकरा अलावा उहाँ के ब्रिक्स देशन के नेतान के बइठक में भी हिस्सा ललेले रहन| जी-20 में आतंकवाद के मुद्दा प भईल चर्चा में भारत के सर्वाधिक प्रभाव रहल| भारत व्यापार, निवेश, आव्रजन अउरी पर्यावरण परिवर्तन के मुद्दान प भी अहम भूमिका निभवलस| सम्मेलन में जर्मनी चांसलर एंजेला मार्केल समेत यूरोपीय देशन के नेतान से भईल बातचीत में आतंकवाद के खत्म करे प पूरा ध्यान केंद्रित कईल गईल| हाल ही में जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन अउरी स्वीडन में भईल आतंकी हमलान के मद्देनजर भारत के प्रधानमंत्री मोदी सब बईठकन में यूरोपीय देशन के साथ आतंकवाद के खिलाफ मुहिम छेड़े के मुद्दा उठईली| भारत के प्रधानमंत्री जी-20 के नेतान से आतंकवाद के वैश्विक रूप से निपटने खातिर संयुक्त अभियान छेडे, आतंकवाद के फंडिंग के स्रोत खत्म करे अउरी विश्व भर से आतंकियन के पनाहगाह खत्म करे के कहलन|
अभी एही प्रकार से G4 देशन के गठन भईल बा| जवना में ब्राज़ील, जर्मनी, इंडिया अउरी जापान शामिल बा| एह देशन के मांग बा कि संयुक्त राष्ट्र में एह चारों देशन के स्थान मिलो| इ सफ़र बहुत कठिन जरूर बा लेकिन अइसन बल तईयार करला के बादे भारत के वैश्विक ताकत में हिस्सा में मिली| हम कठिन एह से कहनी ह काहे कि जापान के मांग के चाइना आ साउथ कोरिया से जबरजस्त विरोध मिलेला| एकरा पीछे चाइना के ऐतिहासिक कारण छुपल बा| ब्राजील के विरोध अमेरिका, अर्जेंटीना अउरी मक्सिको से मिलेला| उहे भारत के बात कईल जाव त भारत के विरोध में दक्षिण एशिया अउरी पाकिस्तान जईसन देश शामिल बा| अगर चउथा देश जर्मनी के बात करल जाव त एकरा विरोध इटली से मिलेला| एह से प्रतिरोध के स्वर बहुत बा लेकिन एह प्रकार के अंतराष्ट्रीय बल तईयार कईला से ही कामयाबी में मदद मिल सकेला|
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