अभी हाल में एक खबर आई है कि मध्य प्रदेश के नीमच की थोक मंडियों में प्याज की कीमत 20 पैसे प्रति किलो तक पहुंच गई है| यह वही प्याज है जो कुछ दिनों पहले सोने की भांति कुछ दुकानों पर 100 रूपए किलो मिला करती थी| इसके सन्दर्भ में मै दो तीन बातें करूँगा| पहली बात यह कि प्याज की ये स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि मांग कम है और फसल बम्पर पैदा हुई है| बम्पर पैदावार के साथ एक और बात है जो इसतरह की अचानक फ्लक्चुएशन को पैदा करती है| ये तो हम सब जानते है कि प्याज भी आयात करते है|
उसे अचानक बंद नहीं किया जा सकता क्युकी वो एक चैन है| दूसरी बात अभी कुछ दिन पहले सौ रूपए किलो प्याज बिक रहा था उसके पीछे कारण यह था कि कालाबाजार के व्यापारियों द्वारा प्याज को ब्लाक कर दिया गया था| अर्थशास्त्र के मुताबिक महंगाई बढ़ने के पीछे दो कारण होते है या तो जनता के हाथ में पैसा ज्यादा हो जाए या फिर माल की उत्पादन कम हो जाए| माल का उत्पादन सामान्य था जैसा पहले होता था| इसलिए प्याज की अनावश्यक भण्डारण करके बाजार में प्याज की सप्लाई कम कर दी गई थी|
एक संगठित रूप से इस काम को अंजाम दिया गया जिससे RBI को मनी सप्लाई कम करना पड़े| इसके परिणामस्वरूप बैंको के ब्याज दर बढ़ जाएँगे| और उनका दबदबा पहले जैसा कायम रहेगा| और किसी भी नए व्यापारी का आगमन नहीं हो पाएगा| वही प्याज जिसे ब्लाक किया था उसे भी रिलीज़ कर दिया| अभी का बढ़िया उत्पादन और पुराने स्टोर्ड प्याज इतने ज्यादा हो गए है कि प्याज की कीमत बेहद आश्चर्यजनक हो गई है| ऐसा इसलिए कह रहा हु क्युकी बेसक अच्छी पैदावार होने के बावजूद दाम बिना तीसरे वेरिएबल के इतना फ्लक्चुएट नहीं कर सकता है| और यह कोई नया नहीं है पहले भी ऐसा होता आया है|
30 पैसे प्रति किलो उसका साक्षात् प्रमाण है| यही उनका लक्ष्य भी था| इससे होगा क्या किसानो के प्याजो की दाम इतनी गीर जाएगी कि फिर से अपने गंदे बिसनेस में मोटा फायदा कमा सके| और फिर से स्टोर्ड करके लोगो को मुर्ख बना सके| इसमें विपक्ष की सरकारे भी पिछले दरवाजे से साथ देती है ताकी समाज में हो हल्ला हो सके| तीसरी बात यह कि सरकार ने एक बढ़िया कदम उठाया है| वैध रूप से भण्डारण के लिए सौ प्रतिशत FDI का प्रावधान किया है|
एक मेरे तरफ से यह सुझाव है सरकार को, कि वो न सिर्फ प्याज बल्कि दलहन-तिलहन जैसी आनाजो के लिए कुछ वेयरहाउस बनाए जो आज के तकनीक के लैस हो| इंजिनियर को नौकरी का भी अवसर खुलेगा| उसमे करना यह होगा कि अभी जैसी स्तिथि है कि 30 पैसे प्रति किलो प्याज बिक रहा है ऐसे में किसानो को आमंत्रिक करे कि आए और यहाँ स्टोर करके रिसीप्ट ले जाए| वो रिसीप्ट बैंको में भी मान्य हो जिसे कोलैटरल के रूप में रखके कर्ज ले सके|
जैसे मान लीजिए कि कोई प्याज व्यवसाई है अभी घर में मजबूरी है वो दाम की ये हालत है तो उसे वहाँ रखकर रिसीप्ट के जरिए लोन ले सके| इससे होगा क्या कि कालाबाजार वाले व्यापारियों का नेक्सक्स टूटेगा और किसानो का सही दाम मिल पाएगा| किसानो को सस्ते दामो पर बेचने की मज़बूरी भी ख़त्म हो जाएगी| कब तक सरकार जबरजस्ती MSP देकर अपने फिस्कल डेफिसिट को बढाएगी और इसे भरने के लिए तेलों के साथ समझौते करके जनता की गलियां खाएगी|
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