दिल्ली आईला 7 दिन हो गईल कवनो अइसन दिन ना भईल जवना में पूरा दिन घरे होखी, सबके ओरहन कम करे प लागल बानी ओकरा बाद त माई के कोरा में जाही के बा | आज मूल रूप से प्रो. आनंद से भेट करे ना गईल रही, बल्कि दू गो करीबी मित्र रवी उज्जवल अउरी अमरीन से मुलाकात करे गईल रहनी, इ लोग दिल्ली, महाराष्ट्र अउरी बिहार तीनो राज्य में एगो गैर सरकारी संगठन (भारतीय स्वराज मंच) चलावेला जवना के रवी जी राष्ट्रिय अध्यक्ष हई |
इहे से निहोरा कईले रहनी एक बे कि भोजपुरी अश्लीलता के खिलाफ आवाज उठाई सभे काहे की इनका लगे युवा के एगो बड जमात बाटे | भईल इ कि रवी जी से मुलाकात भईल लेकिन अमरीन छुटत रही, बिना मिलले चल जईति त भड़क जईती | मेसेज कईली कि रुआ केंद्रीय सचिवालय आ जाई ओहिजे लोग जिम्मेवारी देले बा मुजियम कवनो फंक्शन बा जयप्रकाश नारायण जी से सम्बंधित प्रो. आनंद आइल बाड़े भेट हो सकेला | सोचनी एक बे उन्हा से विचार लेवल जा सकेला चाहे एगो प्रो. के रूप या कवनो नेता के रूप उनकर का सोच बा काहे कि उहो हवे भोजपुरी भाषीए नु |
गईनी फंक्शन में कुछ भोजपुरियो नृत्य रहल काहे कि जयप्रकाश जी के बात रहे नु | तबे अमरीन के साथे एगो अउरी साथी रहल मंजीत उनका से कहनी जोगड़ करs हमरा बतिआवे के बा काहे कि उहे लोग ऑर्गेनाइज करवईले रहे | भईल कि निकलत समय एक हो जाई, जईसे निकलले ओसही निहोरा कईली कि “10 मिनट चाहिए आपका” | कहले कि बिल्कुल, सामने सोफा रहे, कहनी “प्लीज” बईठनी जा | पहिलका सवाल उनकर कहाँ रहते है बतईली कि जी हम बिहार के हई मूल रूप से भोजपुरी भाषी क्षेत्र से, एगो सवाल बा कि रुआ का सोचिला भोजपुरी के 8वा अनुसूची वाला मसला प ?
हमरा एह बात के फील भईल कि उहाँ के हमरा प डोमिनेंट होखे शुरू हो गईनी | लेकिन जब पूछनी कि का करेलs हम बतईली कि VIT में पढ़ीला तब गाड़ी ट्रैक प आइल, बात करे में तनी इज्जत वाला भावना आइल | फिर संवाद भोजपुरी में शुरू भईल जे जे साथे रहे उन्हा के ओह क्षेत्र के सामने खड़ा त सुनत रहे, बाद बाकी मुह ताके | जवाब में अईसे अटैक करे शुरू कईनी उहाँ के जईसे उ भोजपुरी भाषी हईले ना हवन | हम बेबाकी से हर प्रश्न के उत्तर देवे लगनी त खीजे लागले चिड-चिडईला टाइप के, हम उहे जवाब देनी जवन पिछिल्का लेख थाती के रूप में लिखले रही |
पहिला जवाब उहाँ के देली कि मैथली वाला लोग नाराज हो जाई | हम कहनी सर कव गो मैथली वाला लोग के उदहारण दे सकीना जे आंदोलन में बा कि भोजपुरी शामिल हो जाव |दूसरा उहाँ के अटैकिंग प्रश्न पूछली कि कव गो आदमी भोजपुरी में लिखेला ? फिर हम जवाब देली सर रुआ सामने बानी कव गो लेख, अमूमन आपन ब्लॉग के 40-50 परसेंट लेख भोजपुरी में लिखले बानी, खाली हमी ना कबो आखर के पेज के लाइक करी एक से एक सामाजिक,राजनितिक,सांस्कृतिक,वैव्हारिक अउरी तमाम तरह के लेख मिली |
इहे ना मासिक पत्रिको निकलेला बिल्कुल मुफ्त रुआ डाउनलोड कर सकिला वेबसाइट से| पाहिले पता रहित नु त प्रिंट करवा के ले आईती, खैर मेल कर देब रुआ के | पढ़ के रुए बतईब कि का इंटरेस्ट बा लोग के | फिर राउंड प्रश्न ओकरा अन्दर एगो मैगज़ीन से ना होई, अउरी होखे के चाही साथ में किताब उताब भी लिखाए के चाही | खाली भिखारी ठाकुर के नाम प झाल बजावला से ना होई | फिर जवाब देली हम सर आखर खाली एगो ठेहा हवे अइसन ढेर पत्रिका भी बा जईसे हेल्लो भोजपुरी, अइसन अउर जोगड़ भी बा, लोग पढ़ेला अउरी फेसबुक प भी सक्रीय बा भोजपुरी में |
फिर अगला प्रश्न उन्हा के पूछली हमरा से कि गाना सुनले बाड़s का स्तिथी बा ? ढेर नईखी सुनले लेकिन एह बात से अवगत बानी कि बेजोड़ अश्लीलता बा | कहले एको गाना सुने लायक नइखे ? हम कहनी जी ना सर हम रुआ के लिंक दे सकिला ढेर भरत शर्मा, चन्दन सिंह, चन्दन तिवारी के जेकर गाना परिवार के साथ सुने लायक बा | हम एह बात के भी स्वीकार्य करतानी कि अइसन गाना गावे वाला लोग के संख्या बेसक 5% बा लेकिन बा | हम पूछनी कि के करी ओह सब के सुधार ? कवनो सुझाव ?
जवाब आइल कि रोड प आके सबके CD तोड़ देवे के चाही, करिया पट्टा बाँध के विरोध करे के चाही | हम मन में हसली लेकिन कवनो क्रॉस प्रश्न ना पूछली काहे कि हम सुझाव मंगले रहनी उहाँ से | सच पूछी उ 15 मिनट भुला गइल रहली कि केकरा से बात करतानी | फिर कहले भोजपुरी भाषी क्षेत्र सबसे हिंसक क्षेत्र हवे, अडवाणी जी के रथ यात्रा के समय ढेर हिंसा ओही क्षेत्र में भईल रहल ह | जवाब देनी हम कि सर जी जहाँ तक विश्वास बा अपना क्षेत्र प हिंसा गुजरात अउरी मुजफरनगर से कमे भईल होई |
फिर कहनी कवनो अउरी सुझाव ? के करी ? बिगड़त हालात अउरी बिगड़त चल जाई के ओकर केयर करी ? सभी खाली कोसी त के सुधार करी ? एगो बढिया जवाब देली उहाँ के कि भोजपुरी क्षेत्र के संगठीत होखल जरूरी बा | एह बात के हमू मानतानी इ बहूत जरूरी बा | ढेर संघर्ष करे के जरूरत बा | फिर थोड़ी देर बाद बात बात में पुरानका ट्रैक प आ गईली कि मौसी(हिंदी) खिसिया जईहे | फिर जवाब देली हम कि कवन बहिन चाही जी कि हमार छोटकी बहिनिया के विकास मत होखो | कहनी हम कि सर आज अगर लोग भोजपुरी, मैथली, तमिल, गुजरती, मराठी सभ मातृभाषा के बोलल लोग छोड़ दी त एक दिन उ भी आ सकेला कि हिंदी के भी लोग छोड़े के कोशिश करे लागी | जर्मनी,फ्रांस के उदहारण देली जवन पीछला लेख में लिखले रही |
अतने में के दो आ गइल अउरी हमनी के संवाद भांड देलस, खीस त बरल लेकिन कहनी सर खड़ा हो गइनी त एगो फोटो हो जाव | फिर मंजीत से कहनी एगो फोटो ल भाई, अतने समय ढेर देली इहाँ के | लास्ट में कहनी सर रौओ ध्यान दी जी रउरो भाषा हवे इंसिस्ट करी रउओ | पूछनी उहाँ के कि अहिजा कईसे आसन भईल ? जवाब में देली सारा भोजपुरिया नेता लोग से बारी बारी जाके पूछे के काम करतानी, काहे कि सेमेस्टर के छुट्टी चलता जी | हसले फिर जवाब में मिलल हमू चाही ना, मन में कहनी लागल ह रुआ से संवाद करके कि केतना चाहिना |
उहे हम स्वराज संवाद के जदी बात करती त हमार फार्मो भरवा देते काहे कि हाथ में लेके घुमल चलत रहन| अब सोची पढल लिखल प्रोफेसर अउरी नेता के दिमाग में अइसन प्रश्न करता, उ जेकर भाषा भी भोजपुरी हवे त, दोसरा के बात त जिंदाबाद | हमरा मोदी जी प खीस कम बरेला एह तरी के लोग प ज्यादा |
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