अध्याय – 3 “भारत के पडोसी देशन से युद्ध – 5”
1965 : भारत पाकिस्तान युद्ध – ‘ब’
एह लेख में मूल रूप से भारत पाकिस्तान युद्ध के बारे में बात होई| अभी तक हमनी के पहिला अध्याय ‘राष्ट्र एकीकरण के चुनौती’ के बारे में देखनी जा| एह अध्याय में हमनी के एह बात से अवगत भईनी जा कि कईसे लार्ड माउंटबेटेंन, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरु अउरी वी.पी. मेनन के टीम पाहिले त्रावनकोर ओकरा बाद जोधपुर, जैसलमेर, जूनागढ़, हैदराबाद अउरी कश्मीर के एकीकरण करे में सफल भईले जा| दूसरा अध्याय ‘देश के भीतर मूलभूत एकीकरण’ में हमनी के देखनीजा कि कईसे सबसे पहले प्रशासनिक एकीकरण भईल, ओकरा बाद आर्थिक एकीकरण, सामाजिक एकीकरण भईल| एकरा अलावां राज्यन के भाषाई एकीकरण अउरी क्षेत्रीयता के खिलाफ एकीकरण प भी चर्चा कईनी जा|
ओकरा बाद तीसरा अध्याय शुरू भईल जवन भारत के पडोसी देशन के साथे जतना युद्ध भईल बा ओकरा बारें में विस्तार से चर्चा हो रहल बा| एह अध्याय के पहिला अंक में भारत पकिस्तान के पहिला युद्ध 1947 के बात हो चुकल बा| ओकरा बाद दूसरा आ तीसरा अध्याय में भारत चाइना युद्ध 1962 के बारें में बतकही भईल| पिछला अंक में भारत पाकिस्तान के दूसरा युद्ध 1965 के बारे में काफी कुछ बात हो चुकल बा| जवन रह गईल बा उ एह अंक में मुकम्मल हो जाई|
27 मई 1964 के पंडित जवाहर लाल नेहरु के निधन भईल| एकरा बाद नया प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बनावल गईल लेकिन आलोचना से हमेशा उनका के तोपल जात रहे| एकरा बारे में भी चर्चा कर चुकल बानी| ग्रैंड स्लैम के विफल होखला के पीछे का कारण रहे एह प भी चर्चा पिछला अंक में हो चुकल बा| आर्मी चीफ चौधरी अउरी प्रधानमंत्री शास्त्री के रात के संवाद के बाद प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के एक्शन प्लान बदल चुकल रहे| लाल बहादुर शास्त्री लड़ाई बढ़ावे के फैसला लेलन|
उहाँ के तर्क इहे रहे कि कश्मीर प हमला करे वाला पाकिस्तानी घुसपैठिया भी त अंतराष्ट्रीय सीमा पार करके आइल रहे| एह से भारत के भी अंतराष्ट्रीय सीमा पार करे में कवनो हर्ज नइखे| दोसरा शब्द में कही त अब डिफेंड के मूड से अटैक के मूड में आ गईले| राजस्थान अउरी पंजाब के सीमा पाकिस्तान से जुडल बा| दुनो फ्रंट प अटैक करे के इजाजत दे देलन अउरी लाहौर प हमला करे के लक्ष्य के शामिल करवा देले| यानी कि कश्मीर बचावे के खातिर भारतीय सेना के अन्तरराष्ट्रीय नियंत्रण रेखा पार करे के छुट मिल चुकल रहे|
भारत 6 सितम्बर के अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा के पार करके पश्चिमी मोर्चा प हमला करके युद्ध के आधिकारिक शुरूवात कर देले रहे| ओही दिन भारत के पंद्रहवा पैदल सैन्य इकाई, द्वितीय विश्व युद्ध के अनुभवी मेजर जनरल प्रसाद के नेतृत्व मे इच्छोगिल नहर के पश्चिम दने किनारा प पाकिस्तान के बरियार हमला के सामना कईलस| इच्छोगिल नहर भारत अउरी पाकिस्तान के वास्तविक सीमा रहे| एह हमला मे खुद मेजर जनरल प्रसाद के काफिलो प हमला भईल अउरी ओह लोग के अपना वाहन छोड़ के भागे के परल रहे| ओहिजे दोसरा दने भारत आक्रमण में बरकी गांव के भीरी नहर के पार करने मे सफलता हो गईल| एह से भईल का कि भारतीय सेना लाहौर के हवाई अडडा प हमला करे खातिर सीमा प पहुच गईल| एकरा परिणामस्वरूप अमेरिका आपन नागरिकन के लाहौर से निकाने खातिर कुछ समय खातिर युद्धविराम के अपील कईलस|
भारत एह प्रस्ताव के मान लेलस अउरी भारत के बहुत हानि भी रहे| एकर नुक्सान खेमकरण में रूप में चुकावे के परल| जवना में ओही बीचे पाकिस्तान, लाहौर प दबाव के कम कर एके खातिर खेमकरण प हमला करके ओह प कब्जा कर लेलस| एकरा एवज मे भारत बेदियां अउरी ओकर आस पास के जवार प हमला कर देलस| ओही दिन 6 सितम्बर के लाहौर प हमला मे भारतीय सेना के प्रथम पैदल सैन्य खन्ड (इनफैंट्री डिविजन) के साथ द्वितीय बख्तरबंद उपखन्ड (ब्रिगेड) के तीन टैंक दस्ता शामिल रहे|
इ लोग बहुते जल्दीए सीमा पार करके इच्छोगिल नहर पहुच गईले जा| पाकिस्तानी सेना पुलिया प रक्षा दस्ता तैनात कर देलस| जहाँ भी पाकिस्तान के महसूस भईल कि उ एह पूल के ना बचा पाई, ओह सब के ध्वस्त करा देलस| एकरा पीछे कारन इ रहे कि भारत के आक्रमण गति के कमजोर कईल जा सके आ थोडा संभले के मौका मिल जाव| पाकिस्तान के एह सब चालाकी से भारतीय सेना के आगे बढे के गति में गिरावट आइल|
ओह घरी के एगो घटना से पता चलत बा कि पाकिस्तान एह युद्ध में ना सिर्फ अमेरिका से अप्रत्यक्ष रूप से मदद लेलस बल्कि चाइना से भी संवाद कईलस| बात ओही घरी के ह जवना घरी भारत लाहौर अउरी पेशावर के हवाई अड्डा के बिल्कुल करीब रहे| चुकी फ़ील्ड मार्शल अयूब खाँ आपन शयन कक्ष में जब तक मौजूद रहत रहन ओहिजा तब तक हरियर बत्ती जलत रहे| 19 सितंबर के उ विदेश मंत्री भुट्टो के साथे गुप्त रूप से चीनी नेता लोगन से बात करे खातिर चीन जाए के फैसला कईलन| उनका बेडरूम के हरियर बत्ती जलत रहे देवल गईल ताकि पूरा दुनिया के एह बात के आभास रहो कि उ रावलपिंडी में ही बाड़े|
इहाँ तक कि उनकर स्टाफ़ रोज़ लेखा उनका बेडरूम में बेड टी, खाना आ नास्ता पहुचावत रहले| यात्रा के गुप्त रखे खातिर उ रावलपिंडी के बजाए पेशावर से बीजिंग खातिर उड़ान भरे के फ़ैसला कईलन| जब उनकर जहाज़ टेक ऑफ़ करते रहे कि भारतीय युद्धक विमान पेशावर के हवाई अड्डे प हमला बोल देलस| टेक आफ़ रोकल गईल, लेकिन जहाज़ के इंजिन के बंद ना कईल गईल| जईसही भारती के विमान हमला करके वापस आपन देश खातिर उड़ल, अयूब खाँ के विमान बीजिंग खातिर उड़ान भरलस|
फिर भी भारतीय फ़ौज के जाट रेजीमेंट के एक इकाई नहर पार करके डोगराई अउरी बातापोर प कब्जा कर लेलस| पाकिस्तानी सेना बख्तरबंद इकाई अउरी वायुसेना के मदद से भारतीय सेना के पंद्रहवां खन्ड प बड़हं आक्रमण कईलस| हालाकि एह सब से ओह जाट रेजिमेंट के तनिए मनी नुकसान भईल| लेकिन पंद्रहवां खन्ड के पीछे हटे के परल अउरी खाए पिए के राशन आ हथियारन के वाहन आदि के काफी क्षती पहुचल रहे|
भारतीय सेना के बड़ अधिकारी लोगन के जमीनी हालात के सही जानकारी ना मिल पावत रहे एह से ओह लोग के एह बात से आशंका रहे कि जाट रेजिमेंट के भी भारी नुकसान होखी एह से ओह लोग के पीछे हटे के आदेश दे देलस| एह से जाट के कमान आधिकारी लोगन के बड़ा निराशा भईल रहुए| बाद मे ओह लोग के डोगराई प फिर से कब्जा करे खातिर बड़हं कीमत चुकावे के परल रहे| ओकरा दू दिन बाद 8 दिसंबर के पाकिस्तान मुनाबाओ प हमला कर देलस| दरअसल पाकिस्तान लाहौर में हमला करे खातिर तईयार बईठल भारतीय सेना के ध्यान भट्कावल चाहत रहे|
मुनाबाओ में पाकिस्तान के रोके के खातिर मराठा रेजिमेंट भेजल गईल| मराठा सैनिक लोग जमके पाकिस्तान के सैनिकन के मुकाबला कईलस लेकिन रसद के कमी अउरी कम सैनिक होखे के चलते मराठा सैनिक बड़हन पैमाना प शहीद हो गईलेजा| परिणामस्वरूप 10 दिसंबर के पाकिस्तान मुनाबाओ प कब्जा कर लेलस| खेमकरण प कब्ज़ा के बाद पाकिस्तान अमृतसर प कब्जा कईल चाहत रहे| लेकिन आपन देश में भारतीय सेना के बढ़त देखके ओकरा कदम रोके के परल रहे| 12 सितंबर तक जंग में कुछ ठहराव आइल|
एह ठहराव में दुनो देश जीतल इलाकन के रक्षा मे ज्यादा ध्यान देत रहे| लड़ाई मे भारतीय सेना के लगभग 3 हजार अउरी पाकिस्तानी सेना के लगभग 4 हजार जवान मारल जा चुकल रहन| भारत एह युद्ध में लगभग 710 वर्ग किलोमीटर अउरी पाकिस्तान लगभग 210 वर्ग किलोमीटर इलाकन मे कब्जा कर लेले रहे| भारत के कब्ज़ा में सियालकोट, लाहौर अउरी कश्मीर के उपजाऊ इलाके रहे अउरी पाकिस्तान के कब्ज़ा में सिंध अउरी छंब के अनुपजाऊ इलाका रहे|
अगर क्षेत्रफल के हिसाब से देखल जाव त युद्ध के एह चरण में भारत फायदा में रहे अउरी पाकिस्तान नुकसान में| आखिरकार उ समय आ ही गईल जब संयुक्त राष्ट्र के पहल प दुनो देशन के युद्ध विराम के घोषणा करे के पडल| रूस के ताशकंद में भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री अउरी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब ख़ाँ के बीच 11 जनवरी, 1966 के समझौता भईल| एह समझौता के तासकंद समझौता के नाम से जानल जाला| दुनो देश एगो घोषणापत्र प हस्ताक्षर करके आपन विवादित मुद्दन के बातचीत से हल करने के भरोसा दिलवईलस| इ तय कईल गईल कि 25 फरवरी तक दुनो देश नियंत्रण रेखा से पीछे आपन सेना हटा लिही|
दुनो देश एह बात प राजी भईल कि 5 अगस्त से पाहिले के स्थिति के पालन करी अउरी जीतल जमीन से कब्जा छोड़ दिही| ताशकंद समझौता के कुछे घंटा बाद शास्त्री जी के रहस्यमय तरीके से मौत हो गईल| आधिकारिक तौर प कहल गईल कि ताशकंद के भयंकर सर्दी के चलते शास्त्री जी के दिल के दौरा परल| जबकि, कुछ लोग इहो दावा करेले कि एगो षड्यंत्र के सहारा से उनकर हत्या करवावल गईल| अइसन सोच राखे के पीछे एगो तर्क इ बा कि आखिर लाल बहादुर शास्त्री के शव के पोस्टमार्टम काहे ना करवावल गईल ताकी उनकर रहस्मय मृत्यु के सही वजह पता चल सके| एह सीरीज के 20वां भाग अगिला अंक में…..
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