ग्रामीण राजनीति अउरी उनकर अझुराइल मापदंड (भोजपुरी)

Dial down the FREE Subscription for such premium content on our YouTube channel. How to Add Subscribe Button on YouTube Videos (Subscribe Button PNGs)

गाँव में चल जाई तs राजनितिक मानसिकता वाले मूल रूप से दुगो लोग मिलिहन एगो उ जे कहेला हम नेता बनब अउरी दुसरका जे ठिकेदारी करेला की हम नेता बनाईब पहिलका आदमी के तs बात समझ में आवता कि ओकरा कवनो पदवी के मोह बा लेकिन दुसरका के भ्रम हो जाला रह रह के कि उ जयप्रकाश नारायण त ना नु ह. खैर सच पूछी तs जे इ कहेला कि हम नेता बनाईब ओकरा हाथ में ओकर छोड़ ओकर मेहरारूओ के वोट ना रहेला लेकिन तबो हवा बनावे से बाज ना आवे काहे की सभे पहचान के राजनीती में बेचैन रहेला जबकि इ सभे जानता कि उन लोगन के राजनीति के पहचान जीरो बट्टा लुल बा.

दिल्ली जइसन प्रादेशिक शहर में वोट पावल अउरी ग्रामीण परिवेश में वोट पावला में जमीन आसमान के अंतर होला. अक्सरहा गाँव में होला कि चौपाल पर बईठल अउर ठिकेदार लोग आपन प्रतिद्वंदी ने कमी गिनावे लागेला. ढेर लोग अइसन होले करे के ना धरे के बाकी बतकही रहेला जईसे मानी उ चाणक्य के औलाद होखस. मुखिया,सरपंच,जिला पार्षद एह स्तर प विशेषरूप से ठीकेदार लोग अपना मने घरे बईठल मनगडहत मैनिफेस्टो बनावे लागेला जईसे मानी उ उनकर PA होखस कुछ मुद्दा बड़ा कॉमन होला जईसे नाली बनी,सड़क बनी,स्कूलवा अबकी बेरी पक्का ठीक हो जाई, मदिर के रहल काम मुक्कमल हो जाई, उहे मदिर जवना के सह पे लोग पिछला बे वोट मंगले रहे.

Decoding World Affairs Telegram Channel

मानी सब चुनाव ख़तम ठीकेदार के उनकर प्रत्यासी जीत गईले जब आइल काम के बारी आवेला तs दांत चिआर देवेला काहे की उनकर प्रत्यासी उनकरे से सीधा मुह बात ना करे चुनाव के बाद. तबो हवाबाजी के चक्कर में बड़ाई करत रहेला कि व्यस्तता ज्यादा चलता आजकाल. औरत समूह के वोट ध्रुवीकरण करे खातिर ईगो विवंडना फैलावल जाला आइहिहोदादा फलनवा के वोट ना देबs त पाप परी उहे नु सूर्यमंदिर बनावाताड़े/बनावाताडी.

See also  Education is the manifestation of the perfection already in man

धार्मिक खौफ जवना के अक्सरहां महिला जगत फैन होलिजा एक दने वोट के ले जाके पटक देला. पतिदेव जी से कुछ और कहाला और वोट कही दिहाला धार्मिक खौफ के चलते. यह बात पर थोडा चिंतन मनन कईल जाव तs माने इ की वोट माने भगवान के चंदा. अब रउए सोची की महिला जगत खातिर ग्रामीण परिवेश में वोट माने चंदा तs भगवान के भईल ? कबो कबो गरीब आदमीन से इहो सुने के मिलेला की जाएदी ए बबुआन जी हमरा लगे नोट नइखे मदिर के देवे भ, त वोट बा नु.

चुनाव के एक सांझ पाहिले बटाए वाला प्रसाद के बारे में सभे जनता तs उ लिखल जरूरी नईखी समझत हम. एगो अउरी पहलु प आपन विचार रखल चाहब पडोसी के भूमिका के ऊपर, मानी राउर दू गो करीबी एके पोस्ट से खड़ा बाड़े चुनाव में रुआ तs जोख लेब दुनो में से निक के बा रुआ खातिर, लेकिन चाहब कि दुनो आदमी के लागे की हम ओकरे के देले बानी.

एहिजे मौका मिलेला पडोसी के, अउरी मौका मिलते चौका मार देला. यकीन मानी दुनु आदमी घरे कह आवेला की फलनवा तोहरा के वोट नइखे देले. रुआ बन गईनी धोबी के कुकुर ना घर के ना घाट के,लाख समझाईब रवा लेकिन सक त बनिए नु जाला जवना के चलते 25 तरह के मुह बनावत फिरेला प्रत्यासी लोग. एही से कहिना कि गाँव के राजनीती के आगे ओबामा के अंतराष्ट्रीय राजनीती मोदीजी और शाह जी के राष्ट्रीय राजनीती और केजरीवाल के शहरी राजनीती सब फेल बा.

Spread the love

Support us

Hard work should be paid. It is free for all. Those who could not pay for the content can avail quality services free of cost. But those who have the ability to pay for the quality content he/she is receiving should pay as per his/her convenience. Team DWA will be highly thankful for your support.

 

Be the first to review “ग्रामीण राजनीति अउरी उनकर अझुराइल मापदंड (भोजपुरी)”

Blog content

There are no reviews yet.

Decoding World Affairs Telegram Channel
error: Alert: Content is protected !!