भारत-पाक रिश्ता में फसल पेंच (भोजपुरी)

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भारत अउरी पाकिस्तान के रिश्ता ऐतिहासिक अउरी राजनितिक कारण से काफी जटिल रहल बा| कई बार दुनो मुल्क के प्रधानमंत्री कोशिश कईले बाड़े ताकि दुनो देश के रिश्ता के बनावल जा सके| लेकिन कुछ ताकत आजो ओह देश में मौजूद बा जवन कबो ना चाही कि भारत अउरी पाकिस्तान के रिश्ता में सुधार आओं| मूल रूप से भारत पाकिस्तान के रिश्ता में दरार पड़े के शुरुआत 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन से पैदा भईल असंतोष के कारण भईल|

एशिया के दुनो काफी महत्वपूर्ण देश रहल बा काहे कि समुद्री किनारा से अच्छा खासा संपर्क रहल बा| दुनो देशन के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई अउरी भौगोलिक समानता होखला के बाद भी दुनो देश के बीच छतीस के आकड़ा रहल बा| इ बात त खैर सभे के पता कि देश विभाजन भईला के बाद मूल रूप से दुगो देश बनल भारत जहाँ हिन्दू बहुसंख्यक रहले अउरी पाकिस्तान जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक में रहले| पाहिले पाकिस्तान दू हिस्सा में रहे| पहिला पूर्वी पाकिस्तान जवन आज बांग्लादेश कहाला अउरी दूसरा पश्चिमी पाकिस्तान जवन आज पाकिस्तान कहाला|

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हालाँकि छोट-मोट ढेर झड़प भईल बा भारत आ पाकिस्तान से लेकिन तीन गो लड़ाई काफी भयावह रहल बा| पहिला, कश्मीर विवाद के लड़ाई, दूसरा, 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवावे खातिर भारत-पाकिस्तान के लड़ाई अउरी तीसरा 1999 में भारत पाकिस्तान के कारगिल के लड़ाई| एगो बड़ा बढ़िया पैटर्न रहल बा हर लड़ाई के कुछ समय पाहिले ही अच्छा सम्बन्ध खातिर कवनो बढ़िया कदम उठावल गईल बा| आ हर लड़ाई के बाद एगो समझौता कईल गईल बा जवना के हमेशा अनदेखा कईल गईल बा|

लेकिन जब भी कवनो बात समझौता के तरफ से बढ़ल बा तब-तब एगो समूह द्वारा कवनो ना कवनो विधि वार्ता में खलल डाले के प्रयास कईले बा| उदहारण के रूप में 2001 में इंडिया के पार्लियामेंट प अटैक भईल, 2007 में समझौता एक्सप्रेस में बमबारी के घटना भईल, 2008 में भईल मुंबई अटैक के बात होखे अउरी 2016 में पठानकोट में हमला भईल| बहूत सारा लोग के आजो कंफ्यूजन रहेला कि आखिर एकर शुरुआत कहाँ से भईल| सबसे पाहिले हम ओकरा के क्लियर करे के कोशिश करब तब वर्तमान आ भविष्य के सम्बन्ध प आइम|

कश्मीर विवाद सारा विवाद के जड़ रहल बा

कश्मीर विवाद के पीछे एगो कहानी रहल बा कि आखिर शुरू कहाँ से भईल पूरा विवाद| जब अंग्रेज भारत छोड़ के जात रहसन तब अंग्रेज ‘लैप्स ऑफ़ पैरामाउन्सी’ नाम से एगो अधिकार दिहले| एकर माने इ कि जवन अधिकार अंग्रेजन भीरी रहे उ पूरा वापस कर रहल बाड़े एह स्वतंत्रता से कि राज्य के राजा के पास पूरा अधिकार बा या त स्वतंत्र रहे या फिर बातचीत के सहारे भारत आ पाकिस्तान से जाके मिल जाव| ओह घरी कश्मीर के राजा रहले राजा हरी सिंह जेकर चाहत रहे कि उ स्वतंत्र गणराज्य बनावस| लेकिन भारत के अंतिम वायसराय लार्ड माउंटबेटन इहे सलाह देले कि किसी एक में मिल जाव उ अच्छा रही बजाए स्वतंत्र रहे से| अभी जम्मू कश्मीर के राजा सोचते रहन तले एकाएक अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान कश्मीर प आक्रमण कर दिहलस|

घबरा के राजा हरी सिंह भारत से भारतीय आर्मी के मांग कईले लेकिन लार्ड माउंटबेटन इ कह के मना कर दिहले कि भारत में शामिल होखे वाला लैटर ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेसन’ प जम्मू कश्मीर के राजा हरी सिंह साइन नइखन कईले, एह से कानूनन भारत आपन आर्मी कश्मीर नइखे भेज सकत| जब ले भारत के अधिकारी उनकर साइन लेवे कश्मीर पहुचले आ भारतीय सेना कश्मीर पहुचल, तबले लगभग कश्मीर के पार करके श्रीनगर पहुचे गईल रहन सन| जईसे साइन भईल तसही इलेक्ट्रिक बल्ब लेखा इंडियन आर्मी के आक्रमण भईल पाकिस्तानी सेना प, जवना में कश्मीर के दु तिहाई हिस्सा भारतीय आर्मी एक्वायर कर चुकल रहे|

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अब बात उठत बा कि लड़ाई कहाँ बा एह में? लड़ाई इ बा कि पाकिस्तान के कहनाम इ रहल बा कि पाकिस्तानी आर्मी राजा हरी सिंह के साइन होखे से पाहिले पूरा कश्मीर जीत लेले रहे एह से पूरा कश्मीर पाकिस्तान के ह| ओहिजे दूसरा तरफ भारत के तरफ से इ तर्क देवल गईल रहे कि उ लोग एक तिहाई भी पार ना कईले रहन जा जब हरी सिंह साइन कईले रहन| भारतीय सेना के जाए-जाए में उ लोग पूरा कश्मीर पार करे चाहत रहनजा एह से नियमतः साइन भईला के बाद एक तिहाई के छोड़ के बाकी के दू तिहाई भारत के हिस्सा ह ना कि पाकिस्तान के|

दूसरा  तर्क इ भी दियात आइल बा कि राजा हरी सिंह कवबे एह बात के कह चुकल रहले कि कश्मीर या त स्वतंत्र गणराज्य बनी या फिर भारत के साथ मिली काहे कि पाकिस्तान के हमेशा खिलाफ रहले| एह से पाकिस्तान जबरन कश्मीर के अपना में मिलावे के कोशिश कईले बा| इ सैधांतिक तौर प गलत बा| एह से मूल्यतः पूरा कश्मीर भारत के अभिन्न हिस्सा ह| जबकी पाकिस्तान के तर्क रहे कि गुजरात के जूनागढ़ में भी त भारत जबरजस्ती कईलही रहे त पाकिस्तान एहिजा काहे ना करो जबकी जूनागढ़ आ कश्मीर के केस दुनो एकदम सामानांतर रहल बा|

एगो बड़ा सुक्षम्दर्शी तरीका के पाकिस्तान ओह घरी दाव खेलल रहे कि कश्मीर में जनमत संग्रह करवा लेवल जाव कि कश्मीर भारत के हिस्सा ह कि पाकिस्तान के| ओह घरी अगर जनमत संग्रह भईल रहित त शायद कश्मीर भारत के हाथ से निकल जाईत काहे कि ओह घरी सांप्रदायिक माहौल चरम प रहे| पाकिस्तान जनमत संग्रह वाला दाव एह से भी खेलल रहे काहे कि कश्मीर में जनता मुस्लिम बहुल रहे आ राजा रहले हिन्दू| ओहिजे दूसरा तरफ कुछ ही दिन पाहिले इहे घटना घटल रहे गुजरात के जूनागढ़ में, जवन कि एकदम एकरे सामानांतर रहे, जहाँ के जनता रहे हिन्दू बहुल आ राजा रहले मुस्लिम|

जूनागढ़ के नवाब महाबत खान साहब के इच्छा रहे कि पाकिस्तान में मिलस| लेकिन इ इच्छा भारत के अच्छा ना लागल रहे| ओह घरी भारत बल प्रयोग करके राजा के कराची भागे प मजबूर कईलस आ जूनागढ़ में जनमत संग्रह करवइलस जवना में भारत के जीत हाथ लागल रहे| तब से पाकिस्तान के दिमाग में कश्मीर अउरी जूनागढ़ के लेके हमेशा से असंतोष रहल बा| इहे ना बल्कि इंडस नदी के पानी के लेके विवाद भी पुराना रहल बा| पाकिस्तान आ बांग्लादेश के बटवारा के मामला में भी भारत के लोग खलनायक के रूप में देखत आइल बा, ओकर खीस अलगे बा| ओकरा बाद छोट मोट होखे वाला घुसपैठ से दुनो देश के जनता एक-दूसरा प आरोप प्रत्यारोप करबे करेला|

भारत-पाक रिश्ता में सुधार बेहद जरूरी

भारत पाकिस्तान के रिश्ता में सुधार बेहद जरूरी बा| जरूरी एह से बा काहे कि भारत के पाकिस्तान से सामाजिक जुडाव काफी गहिराह रहल बा| बटवारा के बाद पंजाब प्रान्त दू हिस्सा में विभाजित हो गईल जवना के एक हिस्सा भारत आ दूसरा हिस्सा पाकिस्तान में चल गईल| एह से भाषाई जुडाव काफी गहिराह रहल बा| इहे ना आजो ख़राब सम्बन्ध होखला के बावजूद पाकिस्तान के बहूत सारा कलाकार के भारत के जनता काफी प्यार देले बिया चाहे बात बॉलीवुड सिंगर आतिफ असलम जईसन कलाकार के होखे या कॉमेडी नाइट्स विथ कपिल के शो में काम करे वाला कलाकार के बात होखे| भारत के बॉलीवुड मूवी पाकिस्तान में काफी पोपुलर रहेला|

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इहे ना व्यापार के नजरिया से भारत-पाकिस्तान के रिश्ता में सुधार काफी जरूरत बा काहे कि दुनो देश के पास सबसे ज्यादा पोटेंशियल बा जवना से आपन आर्थिक स्तिथि मजबूत कर सके| बस जरूरत बा दुनो देश के बीच एगो समन्वय स्थापित करेके| बाघा बॉर्डर से गुजरे वाला जी.टी. रोड सीधे भारत के अमृतसर से पाकिस्तान के लाहौर के जोडेला| दुनो देश अर्थव्यवस्था के नजरिया से काफी मजबूत बा लेकिन अफ़सोस इ बा कि दुनो देश ओकर भरपूर फायदा नइखे उठा पावत ना त पूरा विश्व के अर्थव्यवस्था के तय करे के दारोमदार अखंड भारत रखेला|

हमरा समझ से भारत, नेपाल, पाकिस्तान अउरी बांग्लादेश के देश के मिलके आपन एगो आर्थिक ग्रुप बनावे के चाही जवना में सारा देश आपन करेंसी त्याग के एगो कॉमन करेंसी अपनावे के चाही ठीक यूरोपियन यूनियन लेखा| ओह से काफी कुछ बेनिफिट बा| पहिला इ कि करेंसी बदले के आपन कीमत होला उ ख़त्म हो जाई जवना से दुनो देश के बीच जरूरत वाला सामान बेहद कम रुपया में आदान प्रदान हो जाई| परिणामस्वरूप महंगाई प लगाम लाग जाई एह से लोगन के हाथ में कुछ सेविंग्स आवे लागी अउरी लोग भी ईमानदारी से टैक्स भरे लगिहे| उदहारण लेली लगले प्याज के दाम कईसे आचानक उपरे भागल रहे ओकरा प काबू पावल जा सकत रहे काहे कि प्याज वेग्रह जईसन मूलभूल जरूरती सामान पाकिस्तान से आयात होला|

दूसरा फायदा इ होई कि दुनिया में एगो संगठित बाजार होई जवना के वैल्यू मार्केट में बरियार रही| वैश्विक अर्ह्व्यवस्था प भी अखंड भारत के दबदबा होइत| तीसरा फायदा इ होईत कि मान ली कि कबो पाकिस्तान चाहे बांग्लादेश आर्थिक संकट से जूझ रहल बा त पूरा संगठन मिलके मदद करी| एह से होई का कि कमजोर आर्थिक स्तिथि के नब्ज पकडके बाहरी बाजार के दबाव, दहशतगर्त के पनपल आदि जईसन चुनौती से छुटकारा मिल जाई| चउथा फायदा इ रही कि एक्सचेंज रेट से होखे वाला हानि से एह सब देश के छुटकारा मिल जाईत|

अउर भी बहूत सारा बेनिफिट बा| लेकिन दिक्कत इ बा कि दुनो देश हमेशा अंतराष्ट्रीय राजनीती के शिकार होखत आइल बा| उदारहण के रूप में पाकिस्तान में एगो बड़ा ही बरियार पोर्ट बा जवन कि आर्थिक नजरिया से काफी महत्वपूर्ण रहल बा| ओकर नाम ह ग्वादर पोर्ट जवना के इंफ्रास्ट्रक्चर प चाइना पईसा खर्च कईले बा अउरी अंधाधुन मुनाफा कमा रहल बा| पूरा मध्य एशियाई बाजार भारत आ पाकिस्तान के मदद से ही चलेला काहे कि पूरा एशिया में सबसे ज्यादा समुद्री जुडाव भारत आ पाकिस्तान के ही रहल बा|

आजादी के समय वर्तमान के पाकिस्तान में बहूत ज्यादा मात्रा में सूती मील रही सन लेकिन आज आंतरिक राजनितिक विवाद के चलते आज ओकर बहूत ज्यादा महत्व नइखे रह गईल| तमाम कारन से ज्यादातर सूती मिल बंद हो गईल बाड़ी सन| आंतरिक सुरक्षा के चलते आज पाकिस्तान में बाहरी निवेश भी ना के बराबर ही बा| यूनिफार्म करेंसी भईला से होई बा कि जतना दबल टैलेंट बा, रिसोर्सेज बा उ सब विश्वास में आवे लागी| अउरी जईसे जईसे आर्थिक ताकत बढ़ी देश के ओसही कट्टरपंथी संस्थान के ताकत कमजोर होखत चलल चल जाई| चुकी दुनो देश के आवाम शांति चाहत बा लेकिन परस्पर समन्यवय ना होखे के चलते दुनो देश के बीच दूरी बढ़ल चलल चल जाता|

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हाथ बढावल जरूरी बा

हमनी के दुनो देश के तरफ से एगो शांति प्रिय पडोसी बनावे के हीत में कई बार हाथ बढावल जा चुकल बा अउरी बढावे के जरूरत बा| मूल रूप से पाकिस्तान के हालत इ बा आज खुद दू समूह में बटल बा| पहिला समूह आतंकवादी संगठन, कट्टरपंती संस्था अउरी ओहिजा के सेना के बा आ दूसरा समूह ओहिजा के निर्वाचित सरकार आ आम जनता के बा| पहिला समूह के आपस में गठबंधन बा जवन कबो ना चाही कि भारत से रिश्ता सुधरे काहे कि एह से ओह लोग के ताकत कमजोर हो जाई|

दूसरा ग्रुप जवन बा उ हर संभव कोशिश में बा कि भारत से रिश्ता सुधरो जवना से आतंकवाद के छुटकारा मिलो आ ओह लोग के लईका फईका के जिनगी बढ़िया होखो| लेकिन दिक्कत इ बा कि पहिला ग्रुप के मजबूत होखला के चलते दूसरा ग्रुप हमेशा हावी रहेला| अगर भारत से रिश्ता सुधरी त निवेश अउरी व्यापार बढ़ी| परिणामस्वरूप रोजगार बढ़ी आ गरीबी कम होई| जब रोजगार मिले लागी त पाकिस्तानी लड़िकन के मिलिटेंट बनावल आसान काम ना रह जाई| एह से जस जस दूसरा समूह मजबूत बानी ओसही पहिला समूह कमजोर होखत चलल चल जाई|

चुकी हमनी के कई मर्तबा इ देखले बानी जा कि जेतना भी आतंकवादी भारत में पकड़ाईल बाड़े सब गरीबी से मारल आ नौकरी के रूप में आतंकवादी संगठन से जुडल बाड़े| ओकरा बाद ब्रेन वाश करे के काम उ सब कट्टरपंथी संगठन कर देला| एह से दूसरा समूह मजबूत कईसे होई ओकर एगो सलाह(यूनिफार्म करेंसी) हम उपरे दे चुकल बा| शांति खातिर कईएक गो प्रयास दुनो देश के आवाम, मीडिया आ सरकार के तरफ से करल जा चुकल बा| चाहे बात सानिया-शोएब के शादी वाला लिंक से होखे|

चाहे मलाला अउरी कैलाश सत्यार्थी के बाच नोबेल शांति पुरस्कार के साझा करे के बात होखे| चाहे दुनो देश के मीडिया के तरफ से लांच कईल गईल शांति के प्लेटफ़ॉर्म ‘अमन की आशा’ के बात होखे जवना में भारत के मीडिया समूह ‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ अउरी पाकिस्तान के मीडिया ‘जंग ग्रुप’ एगो मुहीम छेडले बा| चाहे बात सरकार के तरफ से कईल गईल भूतपूर्व प्रयास जईसे 1997 में लांच कईल गईल समझौता एक्सप्रेस जवन लाहौर से भारत के अटारी के जोडेला, 1999 में लांच कईल गईल दिल्ली-लाहौर बस सर्विस आदि के होखे| एकरा के आगे बढ़ावे के प्रयास करे के चाही|

नोट :- हमार इ लेख आखर के फ़रवरी 2016 वाला अंक में छप चुकल बा|

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