अध्याय – 3 “भारत के पडोसी देशन से युद्ध – 7”
1971 : भारत पाकिस्तान युद्ध – ‘ब’
अभी तक हमनी के पहिला अध्याय ‘राष्ट्र एकीकरण के चुनौती’ के बारे में देखनी जा जहाँ सम्बंधित युद्ध के बारें में भी चर्चा भईल रहे| एह अध्याय में हमनी के एह बात से अवगत भईनी जा कि कईसे लार्ड माउंटबेटेंन, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरु अउरी वी.पी. मेनन के टीम पाहिले त्रावनकोर ओकरा बाद जोधपुर, जैसलमेर, जूनागढ़, हैदराबाद अउरी कश्मीर के एकीकरण करे में सफल भईले जा| दूसरा अध्याय ‘देश के भीतर मूलभूत एकीकरण’ में हमनी के देखनीजा कि कईसे सबसे पहले प्रशासनिक एकीकरण भईल, ओकरा बाद आर्थिक एकीकरण, सामाजिक एकीकरण भईल| एकरा अलावां राज्यन के भाषाई एकीकरण अउरी क्षेत्रीयता के खिलाफ एकीकरण प भी चर्चा कईनी जा|
ओकरा बाद तीसरा अध्याय शुरू भईल जवन भारत के पडोसी देशन के साथे जतना युद्ध भईल बा ओकरा बारें में विस्तार से चर्चा हो रहल बा| एह अध्याय के पहिला अंक में भारत पकिस्तान के पहिला युद्ध 1947 के बात हो चुकल बा| ओकरा बाद दूसरा आ तीसरा अंक में भारत चाइना युद्ध 1962 के बारें में बतकही भईल| चौथा अउरी पांचवां अंक में भारत पाकिस्तान के दूसरा युद्ध 1965 के बारे में चर्चा हो चुकल बा| पिछला अंक में भारत बनाम पाकिस्तान के तीसरा युद्ध यानि कि 1971 के पृष्ठभूमि के बारे में चर्चा भईल रहे| आगे के बात एह अंक में होई|
1971 में ही इंदिरा गाँधी चुनाव जीत के प्रधानमंत्री बनल रही| उनकर पक्ष एह प इहे रहे कि शरणार्थी आवे से भारत अउरी मुश्किल में पड जाई| उनकर कहनाम रहे कि भारत में रहे के ना त जगह बा, नाही संसाधन| अइसना में शरणार्थी लोग के आईला से पूरा ध्यान ओने शिफ्ट हो जाई अउरी एहिजा के आम लोगन के समस्या अछूता रह जाई| एह में कोई के भला ना होई| एकर हल ढूंढे के पड़ी| 25 अप्रैल 1971 के इंदिरा गाँधी कैबिनेट के मीटिंग बोलईली| ओह में ख़ास बात इ रहे कि थलसेना के प्रमुख मानिक शॉ भी शामिल रहन| भारत के प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी सेनाध्यक्ष सैम मानेकशॉ से भारत के पाकिस्तान से युद्ध करे के तइयारी के बारे में चर्चा कईली| सैम मानेकशॉ एह युद्ध खातिर दू गो कारण से असहमति जतईले रहन| पहिला त इ कि पूर्वी पाकिस्तान क्षेत्र में मॉनसून के आवे के समय रहे| एह मौसम में नदी भी समुन्द्र के रूप लेला| अइसना में हमला कईल आसान ना होला| दूसरा, सेना के टैंकन के सुधार काम प्रगति प रहे|
उहाँ के कहनाम रहे कि सारा सैनिकन के युद्ध खातिर तईयार करे आ एकत्र करे में कम से कम एक महिना के समय लागी| उहाँ के असमर्थता के कारन आपन त्यागपत्रो प्रस्तुत कर देले रहन, जवना के श्रीमती गांधी अस्वीकार कईले रही| कुछ शर्त प उहाँ के इंदिरा गांधी से एह युद्ध में जीत के आश्वासन भी देले रहन| जवना के इंदिरा गाँधी मनले रही| असल में इन्दिरा गांधी जल्दबाजी में कईल गईल सैन्य कार्यवाही के दुष्परिणाम से बढ़िया से अवगत रही, लेकिन उनकर उद्देश्य इ रहे कि उ एह प सेना के विचार जान सकस, जवना से उ अपना मंत्रिमण्डल के सहकर्मियन के तीत उत्तर दे सकस आ जन समुदाय के भी शांत कर सकस|
सेना के युद्ध के तईयारी करे के अधिकारिक आदेश मिल चुकल रहे| लेकिन युद्ध के शुरुआत के करी अभी तय ना रहे| ओहिजे दोसरा तरफ पूर्वी पाकिस्तान में पश्चिमी पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा सुनगत रहे| एह गुस्सा के असल चेहरा शेख मुजीबुर्रहमान रहन| शेख के अतना बरियार समर्थन रहे कि उनका के पूर्वी पाकिस्तान में बंगबधू के नाम से जानल जात रहे| एही चलते कव बे उहाँ के जेल जाए के परल रहे|
ओहिजे पश्चिमी पाकिस्तान में भी राजनितिक उठा-पटक चरम प रहे जवना के चर्चा पिछला अंक में हो चुकल बा| चुनावी परिणाम के अनुसार शेख मुजीबुर्रहमान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने के चाहत रहे लेकिन याहया खान आ जुल्फिकार भुट्टो के बिल्कुल इ बात नेटी से निचे ना उतरत रहे| आन्दोलन भईल आ आन्दोलन दबावे खातिर बड पैमाना प नरसंहार भईल| पूर्वी पाकिस्तान के लोग भाग के आके भारत में शरण लेवे लागल| उ खुद राहत शिविर के दौरा कईली आ मदद करे के आश्वासन दिहली| उ रेडियो प्रसारण के जरिए शरणार्थी लोगन के अन्याय आ अत्याचार के खिलाफ लडे खातिर आवाहन कईली|
लेकिन अइसन बिल्कुल ना रहे कि उ जबरन पाकिस्तान के मामला में हस्तक्षेप कईल चाहत रही| एकर प्रमाण उहाँ के भाषण में मिलेला जवन पार्लियामेंट में देले रहीं| ओह भाषण में श्रीमती गाँधी अपना तर्क से साबित कईली कि ओह घरी जवन स्तिथि रहे उ खाली पाकिस्तान ना बल्कि भारत के आंतरिक समस्या बन चुकल रहे| उहाँ के तर्क रहे कि भारत के स्तिथि बहुत अच्छा ना रहे एकरा ऊपर शरणार्थीयन के आईला से भारत के अर्थव्यवस्था अउरी सामाजिक वातावरण कमजोर हो गईल रहे| भारतीय खजाना प 300 करोड़ के अतरिक्त भार बढ़ गईल रहे|
उहाँ के समझ रहे कि लाखों शरणार्थियन के भारत में शरण देवे से कहीं बेहतर बा कि पाकिस्तान के विरुद्ध युद्ध करके एह संघर्ष के विराम देवल जाव| एकरा खातिर श्रीमती इंदिरा गाँधी अंतराष्ट्रीय स्तर प एह मुद्दा के उठवली| विश्व के अलग अलग देश के लीडर लोगन के मिल के दबाव बनावे के कोशिश कईली| लेकिन हमेशा लेखा अमेरिका एक बे फिर भारत के बजाए पाकिस्तान के पक्ष में खड़ा नजर आइल| इंदिरा एकरा से नाराज रही| ओकरा कुछ एक दिन बादे अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर भारत अइले| इंदिरा गाँधी के एगो गहिराह सन्देश देवे के सुनहरा मौका मिल गईल|
इंदिरा गाँधी अगिला दिन ब्रेकफास्ट टेबल हेनरी के अलावां आर्मी चीफ सैम मानेकशॉ के भी बोलवली| सैम मानेकशॉ के निमंत्रण देवत समय इंदिरा गाँधी उहाँ से निहोरा कईले रही कि उ आर्मी यूनिफार्म में आवस| इ बात श्री शॉ के ओह घरी समझ में आ आइल लेकिन नास्ता के दौरान उनका बुझाइल कि काहे यूनिफार्म में बोलावले रही| नास्ता के वक्त सुरक्षा सलाहकार से एह विषय प चर्चा कईले| एह चर्चा में उ एगो संदेश देली कि अमेरिका हस्तक्षेप करे ना त आर्मी एक्शन लेवे खातिर तईयार बिया|
अमेरिका एह से भारत के खिलाफ रहे काहे कि ओह समय अमेरिका चाइना से नजदीकी बढ़ावे के फेरा में रहे आ पाकिस्तान के ओह में ख़ास जरूरत रहे| इंदिरा गाँधी के इ एक्शन बेहद प्रभावशाली रहे जवना के अमेरिका बिल्कुल कल्पना भी ना कईले रहे| श्रीमती गाँधी सोवियत रूस के यात्रा प गईली| दुनो देश (सोवियत यूनियन आ भारत) के बीच सुरक्षा के लेके समझौता भईल आ एक दूसरा से मदद करे के आश्वासन दिहल गईल| पाकिस्तान पर कार्यवाई करे खातिर दुनो तरफ से अटैक करे के काम चलत रहे| एक दने डिप्लोमेटिक स्तर प इंदिरा गाँधी बहरी से घेरे के प्लान बनावत रही आ दोसरा दने मानिक शॉ पाकिस्तान के भीतर से घेरे के प्लान बनावत रहले|
सैम मानेकशॉ कलकाता के पूर्वी आर्मी कमान के चीफ के नोट भेजले जवना में उहाँ के आदेश देनी कि पूर्वी पाकिस्तान के लोगन के संगठित कईल जाव, मिलिट्री ट्रेनिंग देवल जाव, हथियार प्रदान कईल जाव जवना से पाकिस्तान के सेना अन्दुरुनी मामला में ही अझुराइल रहो| आर्डर मिलते काम शुरू हो गईल| एकर जिम्मेदारी ब्रिगेडियर सुजान सिंह के देवल गईल| सुजान सिंह फ्रंटियर सेना के प्रमुख रहन जवना के एस्टाब्लिश्मेंट 22 भी कहल जाला| सेना के एह टुकड़ी के बेहद सीक्रेट अभियान में लगावल जाला| एकर कमान गुप्तचर एजेंसी रॉ के हाथ में होला|
आदेश मिलते ब्रिगेडियर सुजान सिंह के नेतृत्व में बांग्ला लईकन के भर्ती आ ट्रेनिंग शुरू गईल| एहिजे ‘मुक्ति बहिनी’ के नीवं पडल| एकरा खातिर भारत में कैंप लगाके के प्रशिक्षण देवल गईल| एकर काम जोरोशोर प भईल| एह योजना के अनुसार हर महिना 20 हजार छापामार तईयार करे के योजना रहे| एह अभियान में खाली पूर्वी पाकिस्तान के आम युवा लईका ही ना बल्कि बांग्लादेश राइफल के पुलिस जवान आ पाकिस्तान आर्मी के एगो हिस्सा जवन पूर्वी पाकिस्तान में रहे उ लोग भी शामिल हो गईल रहे| पूर्वी पाकिस्तान में एगो माहौल बनल आ एगो बल तईयार भईल जवन पश्चिमी पाकिस्तान के अत्याचार के करारा जवाब दे सके| एह में पुलिस, पैरा मिलिट्री फ़ोर्स, ईस्ट बंगाल रेजिमेंट, पूर्वी पाकिस्तान राइफल के बंगाली सैनिक आदि शामिल रहन| इ लोग पश्चिमी पाकिस्तान के खिलाफ बगावत करके खुद के आजाद घोषित करे लागल रहे| अब लड़ाई खातिर एगो संगठित जमीन मिल गईल रहे| एह से जवन एकतरफा नरसंहार लड़ाई के रूप में पश्चिमी पाकिस्तान द्वारा आम जनता प कईल जात रहे अब ओकरा एगो ‘मुक्ति वाहिनी’ नाम के संगठन से चुनौती मिल गईल रहे|
अब लड़ाई मुक्ति वाहिनी बनाम पश्चिमी पाकिस्तान के सेना हो गईल रहे| पश्चिमी पाकिस्तान पूर्वी पाकिस्तान के कद्दावर नेता जेकरा के बगबंधू के नाम से जानत रहे ओह शेख मुजीबुर्रहमान के खिलाफ अंदरूनी केस चलावे के निर्णय लेलस| ओहिजे दोसरा दने इंदिरा गाँधी शेख के जेल से आजाद करवावे के वादा कईले रही| धीरे धीरे देश लड़ाई दने रुख करे लागल रहे| ना त शरणार्थी आवे के प्रक्रिया में कमी आवत रहे अउरी नाही पश्चिमी पाकिस्तान के नकारात्मक रवैया| एकरा बावजूद इंदिरा गाँधी एह सब के संभाले के कोशिश कईली| पाकिस्तान के आरोप इ रहे कि भारत पाकिस्तान के आंतरिक मामला में हस्तक्षेप करत रहे|
एकरा उलट इंदिरा गाँधी समस्त विश्व के सामने भारत के सही पक्ष रखे के कोशिश कईली| बहुत सारा देश भारत के आर्थिक मदद देवे के वादा कईलस लेकिन पाकिस्तान के असल मुद्दा प चुप लउकल| इंदिरा गाँधी के सब्र के बांध टूटल जात रहे| मानसून भी ख़त्म होखे आ चुकल रहे जवना कारण अप्रील में सैम मानिक शॉ युद्ध के खिलाफ रहे| रह रह के पाकिस्तान चीन आ अमेरिका के बल प लड़ाई करे खातिर ललकारे लागल रहे….
एह ललकार प भारत के सेना कईसे प्रतिक्रिया देलस आ पूर्वी पाकिस्तान के आजाद करा के बांग्लादेश बनईलस, एकर चर्चा अगिला एतवार के|
Support us
Hard work should be paid. It is free for all. Those who could not pay for the content can avail quality services free of cost. But those who have the ability to pay for the quality content he/she is receiving should pay as per his/her convenience. Team DWA will be highly thankful for your support.