अध्याय – 1 “राष्ट्र एकीकरण के चुनौती -७”
कश्मीर
अभी तक ले हमनी के देखनी जा कि कईसे लार्ड माउंटबेटेंन, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरु अउरी वी.पी. मेनन के टीम पाहिले त्रावनकोर ओकरा बाद जोधपुर, जैसलमेर, जूनागढ़ अउरी हैदराबाद के एकीकरण करे में सफल भईले जा| एह कड़ी में मूल रूप से कश्मीर के एकीकरण के कहानी के बारे में चर्चा होई| जम्मू कश्मीर मूल रूप से 1846 में एगो स्वतंत्र राज्य बनल रहे| लगभग चौदहवी शताब्दी तक कश्मीर के राजतंत्र के बागडोर बौध आ हिन्दू राजधर्म के हाथ में ही रहे|
अकबर के आक्रमण के बाद कश्मीर में 1587 तक मुस्लिम शासन चलल आ मुग़ल शासन के एगो हिस्सा बनल| लगभग दू सौ साल तक बढ़िया से मुग़ल शासन चलल लेकिन ओकरा बाद मामला गडबडाए लागल रहे| लगभग 1752 के आस पास मुग़ल शासन के बागडोर अफगानिस्तान के अहमद शाह अब्दुल के हाथे चल गईल| एह लोग के शासन लगभग 60-70 साल तक चलल| सन 1819 में एगो सिख शासक महराजा रणजीत सिंह द्वारा जीत लेवल गईल| एह सिख शासक के शासन लगभग 27 साल तक यानी 1846 तक चलल|
लेफ्टिनेंट जनरल महराजा हरी सिंह जम्मू कश्मीर के शासक रहन जब सत्ता के स्थानांतरण होत रहे| बटवारा के समय इ राज्य महत्वपूर्ण एह से रहे काहे कि बहुत सारा अंतराष्ट्रीय सीमान से जुडाव रहे| पूरब में तिब्बत, उत्तर पूरब में चाइना, उत्तर पश्चिम में अफगानिस्तान| जम्मू कश्मीर हमेशा से मुस्लिम के प्रभाव में रहल बा| पाहिले अतना प्रभाव नइखे लउकल लेकिन विभाजन के बाद से खासकर जम्मू में एकर प्रभाव देखे के मिलल बा| बटवारा के समय लद्दाख वाला क्षेत्र में बहुसंख्यक में बौध धर्म के लोग रहे|
लेकिन अब समीकरण उ नइखे| चुकी इ राज्य मुस्लिम बहुल होखला के बावजूद बहुत सारा महत्वपूर्ण पद जईसे सरकारी पद अउरी आर्मी में हिन्दू के होखला के शिकायत रहे| 1932 में मुस्लिम समाज के अधिकार के लड़ाई खातिर शेख अब्दुल्लाह के नेतृत्व में ‘आल जम्मू एंड कश्मीर कांफ्रेंस’ के स्थापना भईल| इ उन्हें संस्था ह जवना के नाम बाद में बदल के नेशनल कांफ्रेंस कर देवल गईल| इ संस्था लगातार महाराजा हरी सिंह के खिलाफ आपन मुद्दा लेके विरोध करत रहे| एह खातिर बहुत बार शेख अब्दुल्लाह के जेल में भी डालल गईल रहे|
सन 1946 में शेख अब्दुल्लाह के नेतृत्व में महराजा हरी सिंह के खिलाफ ‘कश्मीर छोडो’ आन्दोलन के आवाहन कईल गईल| एह आन्दोलन के वजह से शेख अब्दुल्लाह के लम्बा समय खातिर जेल भेज देवल गईल| लेकिन तब तक पूरा राज्य में शेख अब्दुल्लाह के पकड़ बरियार हो गईल रहे| एकरा पीछे एगो गहिराह कारन इ रहे कि शेख अब्दुल्लाह एगो सेक्युलर प्रवृति के नेता रहन जेकर लड़ाई एगो हिन्दू राजा ना बल्कि तानाशाही राजा के खिलाफ रहे| जईसन कि हमनी के पिछलको कड़ी में देखनी जा अलग अलग राज्य के विलीनीकरण खातीर गठित टीम द्वारा लगातार बातचीत कईल जात रहे|
ओही क्रम में जम्मू कश्मीर के प्रधानमंत्री पंडित रामचंद्र काक के मुलाकात वी.पी. मेनन से दिल्ली में भईल| मेनन उनका से विलीनीकरण के बारे में राय लेवल चहले| लेकिन कवनो साफ़ जवाब ना मिलल| माउंटबेटेन काक अउरी जिन्ना के मीटिंग अरेंज करवईले| सब जगह त माउन्टबेटेन काफी तत्परता के साथ भारत में विलय करे खातिर अपील कईले रहन| लेकिन जब जम्मू कश्मीर के बात आइल त ओहिजा न्यूट्रल होखे ढोंग लेखा लागे लागल| जम्मू कश्मीर के प्रधानमत्री के जिन्ना के साथे मीटिंग फिक्स करवावल एगो प्रमाण बा|
बाकी के राज्य लेखा जम्मू कश्मीर के राजा के खवाईस रहे कि स्वतंत्र राज्य बनावस| चुकी लार्ड माउंटबेटेंन साफ़ साफ़ महराजा हरी सिंह के पहिलही समझा दिहले रहन कि पंद्रह अगस्त के पाहिले-पाहिले कवनो फैसला लेवे के परी ना त राज्य खातिर एगो मुश्किल भरल स्तिथि पैदा हो सकेला| दोसरा शब्द में कही त उनकर कहनाम रहे कि आजादी के राग छोड़ देस| लार्ड माउंट बेटेन महराजा हरी सिंह से अकेले में मिले के कोशिश कईले लेकिन पेट दर्द के बहाना करके ना मिलले| बात ना भईल| देश जईसे आजाद भईल आ अंग्रेज जाए लगले त पाकिस्तान घेरा करके कश्मीर के दखल करे लागल रहे|
एह घुसपैठ के जईसे अंदाजा नेहरु अउरी पटेल के मिलल ओसाही चौक्काना हो गईले जा| चुकी शेख अब्दुल्ला के सेक्युलर अउरी समाजवादी सोच के चलते कांग्रेस के साथे उनकर संबंध में मजबूती आइल| चुकी कश्मीर छोडो आन्दोलन के वजह से उनका के महराजा हरी सिंह जेल में बंद कर दिहले रहन| अहिजा नेहरु शेख अब्दुलाह के रिहा करवा के एगो बड़ा बढ़िया दाव खेलले| चुकी शेख अब्दुल्लाह के एगो बरियार नेता वाला पहचान बन चुकल रहे| आ नेहरु के लागत रहे कि एकर फायदा उठावल जा सकत बा|
नेहरु के दाव काफी सही साबित भईल| राजा हरी सिंह प दबाव बना के रिहा करवावल एगो बढ़िया कदम के रूप में आजो देखल जाला| लेकिन महराजा हरी सिंह अभियो स्वतंत्र राज्य बनावल चाहत रहन| शेख अब्दुल्लाह कश्मीर के भारत के साथे जोड़े खातिर आपन हर कोशिश शुरू कर देले| पाकिस्तान में शामिल होखे वाला प्रस्ताव के सख्त खिलाफ हो गईले| एही खिसी जिन्ना के इशारा प पाकिस्तान कश्मीर के साथे भईल स्टैंड स्टील अग्रीमेंट तोड़ देलस| कश्मीर के पेट्रोल, अनाज अउरी बाकी के जरूरी चीजन के लिंक तोड़ देलस| सयाल से जम्मू के बीच वाला रेल सेवा बंद कर देवल गईल| पाकिस्तान कश्मीर के पावे खातिर ताकत के उपयोग करेलागल रहे|
अभी तक जम्मू कश्मीर के राजा हरी सिंह के विलीनीकरण के फैसला स्पष्ट ना हो पाइल रहे| जम्मू कश्मीर के राजा सोचते रहन तले एकाएक 22 अक्टूबर 1947 में पाकिस्तान के कबाइली कश्मीर प आक्रमण कर दिहलस| इहाँ तक कि मुस्लिम सेना छोड़ अक्रमंकारियन से हाथ मिला लेलस| एह से हमलावरण के हौसला अउरी ताकत बढल| बहुत जल्दिए श्रीनगर से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर मुजफराबाद पहुच गईलसन|
परेशांन महराजा हरी सिंह ब्रिगडियर राजेंद्र सिंह से कश्मीर बचावे के आदेश दिहले| हजारों हमलावरन प राजेंद्र सिंह भारी परलन| डोमेंल अउरी उरी के बीच एगो पूल रहे| सबसे पाहिले डोमेंल अउरी उरी के बीच के पूल के ध्वस्त करके कम से कम दू दिन तक ओकनी के रोकलन जवन एगो बहुत बड राहत रहे| अफ़सोस कि हमलावरण से मुकाबला करत करत ब्रिगेडियर शहीद हो गईले| श्रीनगर से लगभग पचास किलोमीटर दूर बारामुला पहुचत-पहुचत हमलावर आपन रंग देखावे लागल रह सन| लूटपाट औरी बलात्कार जईसन घिनौना कृत्य प उतर गईल रहसन| ओकनी के ना सिर्फ हिन्दू बल्कि सिख, इसाई, इहाँ तक कि मुस्लिम महिला के भी टारगेट करत रहसन|
दोकान जरावे लगालसन, जनानी जोरे जोर जबरजस्ती, लूटपाट जईसन काम प उतर आइलसन| पूरा बारामुला मुसीबत में आ गईल रहे| पाकिस्तान के हाथे कश्मीर ना लागल ओकरा पीछे एह लूट के भी एगो कारन के रूप में देखल जाला| पहिला बात इ कि बारामुला के तबाह लोग एह लूटेरन के विरोध करे लागल| दूसरा बात इ कि राजा लगे कि दू दिन के समय मिल गईल ताकी आपन प्रतिक्रिया करके कश्मीर के बचा सके|
महराजा हरी सिंह पूरा घटना के देख के बुझ गईले कि कबाईलियन से कश्मीर के बचावल उनका बस के बात नइखे| घबरा के राजा हरी सिंह भारत से भारतीय आर्मी के मांग कईले| एह मांग प वी.पी. मेनन के श्रीनगर भेजल गईल| वी.पी. मेनन सबसे पाहिले राजा हरी सिंह के श्रीनगर से जम्मू जाए के सलाह देले| ओकरा पीछे कारन इ रहे कि वी.पी. मेनन एह बात से अवगत रहन कि अगर कबाईलियाँ के हाथे राजा पड़ गईलन त यक़ीनन कश्मीर भारत के हाथ से निकल जाई| वी.पी. मेनन के इ कदम बहुत सही रहे|
चुकी ओही राती वी.पी. मेनन के भी ओहिजा से भागे के परल काहे कि अईसन खबर मिलल रहे कि कबाईली श्रीनगर में घुस चुकल बाड़े| वी.पी. मेनन सैन्य मदद के सलाह देले, लेकिन लार्ड माउंटबेटन इ कह के मना कर दिहले कि भारत में शामिल होखे वाला लैटर ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेसन’ प जम्मू कश्मीर के राजा हरी सिंह साइन नइखन कईले, एह से कानूनन भारत आपन आर्मी कश्मीर नइखे भेज सकत| कश्मीर के प्रधानमंत्री इ कहले कि राजा हर बात खातिर राजी बाड़े, बस जल्दिये प्रतिक्रिया देवल जाव| लेकिन माउन्ट बेटेंन फिर दस्तखत खातिर जिद पकड़ लेलन| मेहर चंद महाजन अउरी वी.पी. मेनन उनकर साइन लेवे खातिर कश्मीर पहुचले| महराजा हरी सिंह ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एकसेसन’ प साइन कईले| साइन होखला के बादो माउन्टबेटेन सेना भेजल ना चाहत रहन|
लेकिन नेहरु अउरी पटेल के दबाव में उ सहमत त भईले लेकिन एगो शर्त रखले कि जईसे जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था स्थापित हो जाता ओहिजा जनमत संग्रह करवावल जाई| कश्मीर के केस में माउन्ट बेटेन के मंशा प सक होला| जब सारा राज्य के विलीनीकरण खातिर सिर्फ राजा के सहमती के जरुरत पडत रहे तब एहिजा दोसर मापदंड काहे? अइसना में जनमत संग्रह जईसन स्टेप के कवनो तुक ना बईठेला| भारतीय सेना हवाई रास्ता ले कश्मीर पहुचल, तबले लगभग कश्मीर के पार करके श्रीनगर पहुचे गईल रहन सन| भारतीय सेना पूरा दमखम से जवाब देवे लागल| एह लडाईं में सेना के अलावां नेशनल कांफ्रेंस के समर्थक अउरी शेख अब्दुल्लाह के एगो बड भूमिका रहल बा|
पाकिस्तान में बईठल जिन्ना के इ सब तनिको ना सोहाए| उ आदेश देले कि जनरल ग्रेसी के फोन करके आपन ट्रूप कश्मीर भेजे के निर्देश दिआओ| जनरल ग्रेसी इंनकर आदेश स्वीकार करे से मना कर देले काहे कि उनकर कहनाम रहे कि कश्मीर भारत में एकीकरण कर चुकल बा अब सेना भेजल भारत के साथे एगो खुला लड़ाई होई| एकरा पीछे मुख्य कारन इ रहे कि दुनो दने जनरल अंग्रेज रहसन| अंग्रेज आपस में बिल्कुल लडल ना चाहत रहसन| एहिसे ओकिन लेक, सुप्रीम कमांडर रहन ट्रूप भेजे से मना कर देले रहन|
जब इ दाव फेल हो गईल तब जिन्ना कश्मीर प बातचीत खातिर माउन्टबेटेन अउरी नेहरु के लाहौर आवे खातिर न्योता भेजलन| माउंटबेटेंन अउरी नेहरु त तईयार रहन लेकिन सरदार पटेल बिल्कुल राजी ना रहन| पटेल के मानना रहे कि हम काहे लाहौर जाई उ काहे दिल्ली नइखन आवत| हमला पाकिस्तान कईले बा त ओकरा नु आवे के चाही| नेहरु काफी समझावे के कोशिश कईले| नेहरु के तबियत ख़राब होखे के चलते माउटबेटेंन के अकेलही लाहौर जाए के पडल| जिन्ना भारत प आरोप लगईले कि कश्मीर के भारत में विलय धोखा अउरी हिंसा से भईल बा| एह बात से नेहरु काफी दुखी भईले|
एकरा तुरंत बाद नेहरु आपन चर्चित भाषण रेडियो प दे देलन| एह भाषण में नेहरु संयुक्त राष्ट्र के देख रेख में कश्मीर में जनमत संग्रह करवावे खातिर राजी भईले| जे.एन.यु. में एही बात के बारंबार चर्चा होत रहेला| नेहरु एह प एह से राजी भईले काहे कि जनता के समर्थन से उनका लागत रहे कि परिणाम भारत के पक्ष में ही आई| लेकिन पाकिस्तानी सेना अउरी कट्टर समूह के चलते निष्पक्ष चुनाव संभव ही ना रहे| तब से अझुरा शुरू भईल| इहाँ तक कि यु.एन. में पाकिस्तानी डेलीगेट कबाईलियन के जिम्मेदारी लेवे से मना कर देलस| पाकिस्तान के कहनाम रहे कि इ कश्मीर के अंदरूनी विरोध ह| कश्मीर के लोगन प एकर बहुत गन्दा प्रभाव पडल| एह बात के पूरा-पूरा फायदा शेख अब्दुल्लाह उठवले|
एगो बड़ा सुक्षम्दर्शी तरीका के पाकिस्तान ओह घरी दाव खेलल रहे कि कश्मीर में जनमत संग्रह करवा लेवल जाव कि कश्मीर भारत के हिस्सा ह कि पाकिस्तान के| ओह घरी अगर जनमत संग्रह भईल रहित त शायद कश्मीर भारत के हाथ से निकल जाईत काहे कि ओह घरी सांप्रदायिक माहौल चरम प रहे| पाकिस्तान जनमत संग्रह वाला दाव एह से भी खेलल रहे काहे कि कश्मीर में जनता मुस्लिम बहुल रहे आ राजा रहले हिन्दू|
ओहिजे दूसरा तरफ कुछ ही दिन पाहिले इहे घटना घटल रहे गुजरात के जूनागढ़ में, जवन कि एकदम एकरे सामानांतर रहे, जहाँ के जनता रहे हिन्दू बहुल आ राजा रहले मुस्लिम| जूनागढ़ के नवाब महाबत खान साहब के इच्छा रहे कि पाकिस्तान में मिलस| लेकिन इ इच्छा भारत के अच्छा ना लागल रहे| ओह घरी भारत बल प्रयोग करके राजा के कराची भागे प मजबूर कईलस आ जूनागढ़ में जनमत संग्रह करवइलस जवना में भारत के जीत हाथ लागल रहे| तब से पाकिस्तान के दिमाग में कश्मीर अउरी जूनागढ़ के लेके हमेशा से असंतोष रहल बा|
एकरा बाद 1 जनवरी 1949 यु.एन. सीजफायर लागू कर देलस| तब तक भारतीय सेना पश्चिम में पूस अउरी उत्तर के कारगिल तक कबाईलियन के खदेड़ चुकल रहे| लेकिन कश्मीर के कुछ हिस्सा अभियो रह गईल रहे जवन आज पाकिस्तान के कब्ज़ा में बा| ओकरा के पाकिस्तान ओकुपाइड कश्मीर कहल जाला अउरी बाकी बचल भूभाग के ‘इंडिया ओकूपाइड कश्मीर’ कहल जाला| जवन सीजफायर बा ओकरा के ‘लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल’ कहाला| भारत आ पाकिस्तान के बीच तीन गो बडहन युद्ध हो चुकल बा| लेकिन अभी तक लड़ाई थमें के नाव नइखे लेत|
एह सीरीज के 8वां भाग अगिला अंक में…..
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