स्वतंत्र भारत के झांकी : भाग – 6

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अध्याय – 1 “देश निर्माण के चुनौती-६”

हैदराबाद

अभी तक ले हमनी के देखनी जा कि कईसे लार्ड माउंटबेटेंन, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरु अउरी वी.पी. मेनन के टीम पाहिले त्रावनकोर ओकरा बाद जोधपुर, जैसलमेर अउरी जूनागढ़ के एकीकरण करे में सफल भईले जा| 15 अगस्त 1947 के देश के आजादी मिल गईल, लेकिन आजादी से बाद भी कुछ राज्य जईसे जूनागढ़, हैदराबाद, भोपाल आ कश्मीर आदि प फैसला अभी तक ना हो पाईल रहे| एह कड़ी में मूल रूप से हैदराबाद के एकीकरण के कहानी के बारे में चर्चा होई| एह हैदराबाद रियासत में आज के आँध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश अउरी छत्तीसगढ़ के कव गो जिला शामिल रही सन|

भौगोलिक रूप से हैदराबाद देश के बीचो-बीच स्तिथ रहे| इ राज्य भारत के दू गो बहुत ही महवपूर्ण केन्द्रीय प्रान्तं पश्चिम में बम्बई अउरी दखिन में मद्रास से घिरला के वजह से एकर वैल्यू अउर भी ज्यादा रहे| भारत के विभाजन के समय हैदराबाद सबसे बड प्रान्त रहे| जूनागढ़ लेखा एहिजो हिन्दू बहुसंख्यक में रहन| 1941 के जनगडना के मुताबिक 85 प्रतिशत जनता हिन्दू रहन| हैदराबाद प्रान्त के पास आपन आर्मी, एयरलाइन, रेलवे नेटवर्क, पोस्टल सिस्टम, रेडियो प्रसारण के तंत्र, इहाँ तक कि करेंसी भी अलग रहे|

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1947 में भारत के आजादी मिलल| पाकिस्तान अस्तित्व में आइल| ब्रिटिश के जाए से पाहिले राजा राजवाडान के हाथ में अधिकार दे दिहले रहन कि या त भारत में विलय करो, या पाकिस्तान में या फिर आपन स्वतंत्र राज्य बना लेवो| जून 1947 में हैदराबाद के निजाम एह बात के एलान कर दिहले कि हैदराबाद ना त भारत में मिली अउरी नाही पाकिस्तान से| इशारा साफ़ रहे कि हैदराबाद के नवाब एगो स्वतंत्र राज्य बनावे के सपना देखत रहन| एकरा पाहिले ओहिजा के नवाब फरमान के जरिए संविधान सभा में आपन प्रतिनिधि तक भेजे से मना कर देले रहन|

जुलाई महिना में हैदराबाद के नवाब एगो डेलीगेशन दिल्ली भेजले रहन| एह डेलीगेशन में एगो मुख्य बिंदु भारत के शामिल होखे के भी रहे| नवाब के प्रतिनिधि के तरफ से इ दबाव रहे कि बिना भारत में विलय कईले ‘स्टैंड स्टील एग्रीमेंट’ प बातचीत करे के अनुमति दिआव| वी.पी. मेनन अउरी ओहिजा के नवाब के बीचे खूब पत्राचार भईल लेकिन बात ना बनल| चुकी हैदराबाद के नवाब के कहनाम रहे कि विलीनीकरण जईसन मुद्दा प बात करे खातिर बिल्कुल उत्साहित नइखे|

एह से इ डेलीगेशन असफल रहल आ वापस हैदराबाद लौट गईल| चुकी माउन्टबेटेन एह बात से अवगत रहले कि हैदराबाद के 15 अगस्त तक मनावल मुश्किल बा| एह से माउन्टबेटेन भारत सरकार से दू महिना के समय मंगले ताकी बातचीत कईल जा सको| माउंबेटेन, वी.पी. मेनन के विश्वास दिलईले कि कसहू हैदराबाद के भारत में विलय करही के पड़ी| एकरा पीछे वी.पी. मेनन के कारन दिहले कि ओहिजा बहुसंख्यक में हिन्दू बाड़े आ अगर अपना प्रान्त के प्रमुख पोस्ट जईसे पुलिस अउरी फ़ौज में नवाब मुस्लिम के भरिहे त प्रान्त में विद्रोह हो जाई|

8 अगस्त के निजाम माउंटबेटेन खातिर एगो पत्र लिखले अउरी ओह बात में कहले कि हैदराबाद ना त भारत में मिली अउरी नाही पाकिस्तान में| भारत के साथे संधि करे खातिर प्रस्ताव रखले| लेकिन इ संधि केकरा मंजूर रहे? माउंटबेटेन पत्र लिखके जवाब देले अउरी हिन्दू-मुस्लिम प्रजा के अनुपात के बारे में अवगत करईले| डेलीगेशन सदस्य के तरफ से दोबारा बात-चित शुरू करे खातिर अनुरोध कईल गईल| माउंटबेटेन स्वागत कईले| लेकिन एही बीचे भईल इ कि जतना भी डेलीगेशन सदस्य रहले ओह लोगन प हिंसक अटैक होखे शुरू हो गईल| हिंसक अटैक इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के तरफ से करावे के आरोप रहे|

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एह सब से सारा डेलीगेशन के सदस्य लोग इस्तीफा देवे लागल| माउंटबेटेंन कुछ लोग के मनईले अउरी निजाम के तरफ से जब फरमान जारी भईल तब जाके मामिला कुछ शांत भईल आ बातचीत के सम्भावना बनल| एह डेलीगेशन में सर वाल्टर मोंक्कटन द्वारा एगो संधि प्रस्तावित कईल गईल जवना में इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेसन के तीनो बिंदु (डिफेन्स, एक्सटर्नल अफेयर्स, कम्युनिकेशन) रखल गईल रहे| एह प्रस्ताव के नाम रहे ‘आर्टिकल ऑफ़ एक्सेसन’| एह प्रस्ताव के ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेस’ के बराबर कही के मानावे के कोशिश कईल गईल|

लेकिन सरदार पटेल इ सब के खेल में तनिको विश्वास ना रखते हुए लार्ड माउंट बेटेन के पत्र लिख के कहले कि निजाम से हठ कईला के अलावा एकर अउरी कवनो अल्टरनेटिव नइखे हो सकत| पटेल के कहनाम रहे कि निजाम के जनता के आदेश के पालन करत भारत में विलय करे के चाही| लेकिन ओह लोग के सहमती खाली संधि के लेके रहे| ढेर दिन तक इ खेल चलल लेकिन कवनो नतीजा ना आइल|

एह सब के पीछे कारन सिर्फ नवाब ना रहले| इ केस भी ठीक जूनागढ़ लेखा ही रहे| एहिजा मुस्लिम राजा आ प्रजा हिंदू बहुसंख्यक में, एहिजो के नवाब के छाप छोप होखला के वजह से भारत में विलय ना करत रहन| जूनागढ़ के शाहनवाज भुट्टो के भूमिका हैदराबाद में कासिम रजवी निभईले| अंतर सिर्फ अतना रहे कि जूनागढ़ भारत में विलय ना होके पाकिस्तान में होखल चाहत रहे आ हैदराबाद भारत में शामिल ना होके स्वतंत्र राज्य बनावल चाहत रहे|

एह सब के भूमिका आजादी के कुछ दिन पाहिले तईयार कईल गईल रहे| १९३६-३७ के चुनाव के वक्त मुस्लिम लीग के नेता जिन्ना से नवाब बहादुर जंग के करीबी बढ़ल| नवाब बहादुर जंग MIM के नेता रहन| इ उहे MIM (मजलिसे इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) ह जवन अब नाम बदल के AIMIM (आल इंडिया मजलिसे इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन) रखल गईल बा| हैदराबाद में एह संगठन के विरासत ओवैसी बंधू (अस्ससुदीन ओवैसी अउरी अकबरुदीन ओवैसी) के पास अभियो बा| एही पार्टी के तहत अब लोग चुनाव में हिस्सा लेला|

नवाब बहादुर जंग के लक्ष्य रहे कि हैदराबाद के मुस्लिम राष्ट्र बनावल जाव अउरी लोकतंत्र के सिरा से ख़ारिज करत रहले| एकरा खातिर बाकायदा उ अभियान भी चलईले| लेकिन 1930 के आस पास, आर्य समाज के नेता के आन्दोलन हिन्दू बहुसंख्यक के हाथे सत्ता देवे प आधारित रहे| लेकिन 1938 के आस पास नवाब द्वारा एह पर रोक लगा देवल गईल| हैदराबाद राज्य के कांग्रेस, आर्य समाज अउरी हिन्दू महासभा जईसन फ़ोर्स के साथे जुडल|

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लेकिन नवाब बहादुर जंग के मरला के बाद MIM के बाग़डोर कासिम रजवी के हाथे आइल| कासिम रजवी एहिजे से सांप्रदायिक मोड़ देवे शुरू कईले| इहाँ तक कि जब भारत अउरी हैदराबाद के बीच बात-चित चलत रहे तबो हिन्दू-मुस्लिम दंगा कराके अराजकता फैलावे के कोशिश कईले| काशिम राजवी आपन फ़ौज तईयार कईले रहन जवना के नाम रहे ‘रजाकार’| हथियार प्रशिक्षित रजाकार प लूट-पाट, बलात्कार, अपहरण अउरी सांप्रदायिक हिंसा जईसन कव गो आरोप लागल| इ सब आरोप बाद में सिद्ध भईल जब कमिटी बनाके जाँच शुरू कईल गईल|

इहाँ तक कि गैर मुस्लिम लोगन के प्रॉपर्टी तक लुटाए लागल रहे| हिन्दू लोगन के स्थानांतरण होखे शुरू हो गईल रहे| आस पास कैंप में शरण लेवे प मजबूर होखे के पडल रहे| रजाकार, गैर मुस्लिम औरतन के अपरहण करके बलात्कार करत रहसन| दू लाख के उपरे रजाकार तईयार गईल रहे ताकी इस्लामिक डोमिनेशन के ऊपर उठा सको| हैदराबादी हिन्दू के मुस्लिम शासन के अधीन राखे के लक्ष्य भी रहे| नवम्बर 1947 आवत-आवत निजाम अउरी उनकर सरकार पूरी तरह से कासिम रजवी के गिरफ्त में आ गईल रहे| कासिम राजवी के हैदराबाद में बोलबाला रहे|

कासिम रजवी नवाब के इर्द गिर्द सब आपन आदमी भर देले रहे| हैदराबाद में उहे होखे लागल रहे जवन कासिम रजवी चाहत रहे| एकरा बावजूद भारत सरकार हैदराबाद के साथे बड़ी मुश्किल से ‘स्टैंड स्टील अग्रीमेंट’ साइन कईलस| एकर मतलब एगो शोर्ट टर्म सलूशन| मतलब इ कि एक साल तक जवन काम जईसे चलत बा ओसही चलत रही| लेकिन हैदराबाद के नवाब इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ एक्सेसन प फिर साइन करे से मना कर दिहले| एह से भारत के लगे मुश्किल अउरी बढ़ गईल रहे|

बिना एकरा साइन कईले हैदराबाद भारत के संघे ना जुड़ सकत रहे| अभी इ सब चलते रहे तले पाकिस्तान के तरफ से हैदराबाद खातिर हथियार अउरी पईसा के रूप में मदद के खबर सामने आवे लागल| संकेत बिल्कुल साफ़ रहे बगावत| चुकी हैदराबाद में जतना भी बढ़िया पद रहे ओह सब प ज्यादातर मुस्लमान काबिज रहे लोग| जबकी ओह लोगन के आबादी लगभग 15% ही रहे| ओह सब लोगन के कासिम रजवी इ डर देखा हड़कावे लागल रहे कि अगर निजाम के सत्ता चल जाई त ओह लोगन के आगे आफत के पहाड़ खड़ा हो जाई|

इत्तेफाक के बात इ रहे कि ओही समय कश्मीर में लड़ाई चालू हो गईल रहे| एह से कासिम रजवी के लागत रहे कि भारतीय फ़ौज हैदराबाद बिल्कुल ना आ सकेला| ओहिजे दिल्ली में हैदराबाद प सैनिक कार्यवाई के लेके दू गो विचार पैदा हो गईल रहे| जवाहर लाल नेहरु हैदराबाद प कार्यवाई के लेके सख्त खिलाफ रहन| इनकर साथ दिहले माउंटबेटेन| नेहरु के मानना रहे कि एह सब से दक्षिण भारत में दंगा फ़ैल सकत बा| दूसरा अगर ज्यादा दबाव बनावल जाई त कही हैदराबाद कश्मीर के रुख मत अपना लेवो|

एह से नेहरु के पक्ष बातचीत के जरिए ही समाधान निकाले के रहे| हैदराबाद के प्रधानमंत्री लियाकत अली बात चित करे खातिर सबसे पाहिले दिल्ली आके नेहरु से बात कईले लेकिन कुछ ख़ास बात ना हो पाईल| बात रजाकार, कासिम रजवी अउरी कांग्रेस नेतान तक ख़त्म हो गईल| एहिजो हैदराबाद के प्रधानमंत्री उहे वाक्य दोहरईले जवन महिन्वन से दोहरावल जात रहे| भारत के शामिल होखे के कवनो आप्शन ओह लोग के हिसाब से ना रहे| फिर उ सरदार पटेल लगे बात करे गईले| पटेल के कहनाम बिल्कुल साफ़ रहे कि हैदराबाद स्वतंत्र राज्य बनो इ पटेल कबो भारत नइखे स्वीकार्य सकत|

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माउंटबेटेन के कार्यकाल समाप्त होखे आ गईल रहे| उनकर चाहत रहे कि जाए से पाहिले बातचीत के जरिए समस्या के समाधान निकालल जा सको| इनिके चलते भारत हैदराबाद के अइसन रियायत दे देलस जवन लगभग स्वतंत्र राज्य के सारा बिन्दुन के पूरा करत रहे| अइसन रियायत कवनो अउरी राजवाडन के ना देल गईल रहे| एकरा तहत हैदराबाद आपन कानून खुद बना सकत रहे अउरी 20000 तक आपन फ़ौज रखे के छुट भी दिआइल| सिर्फ आन्तरिक इमरजेंसी के हालत में ही भारतीय फ़ौज हैदराबाद में घुस सकत रहे|

निजाम के सत्ता भी बचल रह गईल रहे| माउंटबेटेंन के बड़ा अनुरोध के बाद के भारत सहमती दे देलस| एह सब के चलते नेहरु अउरी पटेल के आलोचना तक होखे लागल रहे| बस अब खाली निजाम के साइन होखे के रह गईल रहे| निजाम के मांग के अनुसार जब स्पेशल स्टेटस दिआइल तब निजाम एकबे फिर ना कहते हुए आपन पूरान लाइन दोहरावे लगले| अब नेहरु आ पटेल के लगे कवनो आप्शन ना बची गईल| बात-चित के प्रक्रिया प पूर्ण विराम लाग गईल| निजाम भारत के कार्यवाई के UN में ले जाए के धमकी भी देवे लागन रहन|

एह सब के बावजूद अंत में एकबे फिर सरदार पटेल चिठ्ठी लिख एक अंतिम निर्णय लेवे आग्रह कईले| लेकिन कासिम रजवी छाप-छोप कईला से निजाम आन्हर हो गईल रहन| हालाँकि हैदराबाद के प्रधानमंत्री अंत में निजाम के सलाह देले रहन कि मांग मान लेवल जाव लेकिन ना मनले| बस अंतिम रामवाण मिलिट्री एक्शन रह गईल रहे| आदेश मिलला के बाद जवाब में भारतीय सेना ऑपरेशन ‘कैटरपिलर’ अथवा ‘ऑपरेशन पोलो’ शुरू कर दिहलस|

एह ऑपरेशन के तहत भारतीय सेना चारो दिशा से घेर के हैदराबाद प धावा बोललस| हैदराबाद सीमा में घुसला के बाद दुनो सेना के बीच पांच दिन तक संघर्ष चलल| ठीक पांच दिन बाद हैदराबाद के निजाम उस्मान अली रेडियो प आके आपन अफोसोस जतईले अउरी जंग रोके खातिर आग्रह कईले| एह तरह से हैदराबाद के भी भारत में विलय हो गईल| एही श्रृंखला के अगिला कड़ी में कश्मीर के लेके चर्चा होई|

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