स्वतंत्र भारत के झांकी : भाग – 23

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अध्याय – 3 “भारत के पडोसी देशन से युद्ध  – 9”
1999 : भारत पाकिस्तान युद्ध – ‘अ’

अभी तक हमनी के पहिला अध्याय ‘राष्ट्र एकीकरण के चुनौती’ के बारे में देखनी जा| एह अध्याय में हमनी के एह बात से अवगत भईनी जा कि कईसे लार्ड माउंटबेटेंन, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरु अउरी वी.पी. मेनन के टीम पाहिले त्रावनकोर ओकरा बाद जोधपुर, जैसलमेर, जूनागढ़, हैदराबाद अउरी कश्मीर के एकीकरण करे में सफल भईले जा| दूसरा अध्याय ‘देश के भीतर मूलभूत एकीकरण’ में हमनी के देखनीजा कि कईसे सबसे पहले प्रशासनिक एकीकरण भईल, ओकरा बाद आर्थिक एकीकरण, सामाजिक एकीकरण भईल| एकरा अलावां राज्यन के भाषाई एकीकरण अउरी क्षेत्रीयता के खिलाफ एकीकरण प भी चर्चा कईनी जा| ओकरा बाद तीसरा अध्याय शुरू भईल जवन भारत के पडोसी देशन के साथे जतना युद्ध भईल बा ओकरा बारें में विस्तार से चर्चा हो रहल बा| एह अध्याय के पहिला अंक में भारत पकिस्तान के पहिला युद्ध 1947 के बात हो चुकल बा| ओकरा बाद दूसरा आ तीसरा अंक में भारत चाइना युद्ध 1962 के बारें में बतकही भईल| चौथा अउरी पांचवां अंक में भारत पाकिस्तान के दूसरा युद्ध 1965 के बारे में चर्चा हो चुकल बा| पिछला अंक में भारत बनाम पाकिस्तान के तीसरा युद्ध यानि कि 1971 के बारे में चर्चा भईल| एह अंक में 1999 कारगिल युद्ध के बात होई|

ओह घरी भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपाई जी रहले| श्री वाजपेयी के पूरा कोशिश रहे कि भारत आ पाकिस्तान के रिश्ते सुधरो| एकरा खातिर उहाँ के भारत आ पाकिस्तान के बीचे बातचीत शुरू करे खातिर चैनल खोलनी| प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर जे यात्रा कईनी| ओहिजा लाहौर डिक्लेरेशन प हस्ताक्षर कईल गईल| एह यात्रा प कुछ बात विचार भईल| एकरा जरीय इ तय भईल कि परमाणु के उपयोग एक दूसरा के विपक्ष में उपयोग ना कईल जाई| कवनो तरह के लड़ाई से बचल जरूरी बा| एहू प सहमती बनल रहे| कवनो विवाद के शांतिपूर्ण ढंग से निपटारा पावे खातिर दुनो देशन के बीचे कुछ समझौता भईल रहे| इ वादा कईल गईल रहे कि आपसी निपटारा द्विपक्षीय ही होखे के चाही| कवनो तीसरा पार्टी के बीच में लावे के ना होइ| एकरा अलावां कुछ आत्मविश्वास निर्माण उपायन प विचार भईल| एकरा अंतर्गत इ तय भईल कि भारत आ पाकिस्तान के DGMO अउरी विदेश सचीव आदि जईसन बड अधिकारी साल में एकबे जरूर मिली अउरी समस्यान के समाधान प बात करी| जईसे कैदी छोड़े अउरी मेडिकल वीजा आदि प बात होई|

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एह सब संधि के ढंग से एक महिना भी ना भईल रहे कि पाकिस्तान के चरमपंथी समूह के इ तनिको ना सोहाइल| ओह घरी पाकिस्तानी सेना के जनरल रहन परवेज मुसर्रफ| चुपके से बिना बतईले चढ़ा देले आपन फ़ौज उपरे पहाड़ प| चुकी ओहिजा के भगौलिक दशा बिल्कुल भिन्न बा| कारगिल के उत्तरी इलाका जवन POK के गिलगिट बाल्टिस्तान से जुडल बा उ बहुत ही ज्यादा ठंढ वाला इलाका ह| कवनो इन्सान खातिर ओह प रहल बहुत मुश्किल होला| खासकर सर्दी के मौसम में त लगभग नामुमकिन सा हो जाला| जनवरी-फरवरी के महिना में ओहिजा के तापमान लगभग -40 डिग्री के आस पास हो जाला| एह से भारत अउरी पाकिस्तान दुनो देशन में एगो वार्षिक सारणी बन गईल रहे कि ओह दिनन में दुनो देश आपन सेना निचे उतार देत रहे| 1999 में भी इहे भईल दुनो देश आपन सेना निचे उतार दिहलस| लेकिन एही बीचे फरवरी से मई के बीचे पाकिस्तानी आर्मी मिलिटेंट के रूप में, आदिवासी लड़ाका के भेष में भारत के सारा पोस्ट प कब्ज़ा कर लिहलस| भारतीय सेना के एकर कवनो खबर तक ना रहे|

ताशि नामग्याल अपना घर से तनी दूर गुम हो गई याक के ढूंढे खातिर निकलल रहे कि उनकर नज़र करिया कपड़ा पहिनले छव गो बंदूकधारियन प परल जे पत्थर हटा के जगह बनावत रहे| उहाँ के इ बात स्थानीय भारतीय सैनिकन तक पहुचईले| जल्दिय सेना के ओर से एगो दल के जांच खातिर भेजल गईल अउरी एह तरह करगिल में घुसपैठ के पता चलल| भारतीय सेना के घुसपैठियन के बारे में कवनो जानकारी ना रहे अउरी शुरुआत में भारत के ओर से कहल गईल कि चरमपंथियन के जल्दिय निकाल देवल जाई| लेकिन जल्दीए साफ़ हो गईल कि भारतीय सेना के सामना पाकिस्तानी सैनिकन से हो रहल बा| अब सवाल इ खड़ा होत बा कि आखिर पाकिस्तान अइसन काहे कईल चाहत रहे? वजह साफ़ बा| कारगिल के ठीक बहुत ही करीब से श्रीनगर से लेह खातिर एगो हाईवे बा| एकर नाम बा NH1D आ इ कश्मीर से लद्दाख आ सियाचिन के जोडला| कारगिल के बॉर्डर से एह हाईवे प आसानी से बमबारी करके दुनो जगहन के बिच के कनेक्शन तुड़ल जा सकत बा| एह से पकिस्तान के इ लक्ष्य रहे कि सियाचिन वाला सप्लाई लाइन प कब्ज़ा जमा के भारत के बातचीत खातिर टेबल प बोलावल जा सको जवना से कश्मीर के लेके कुछ समझौता कर सके|

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भारत के सेना बेकफूट प रहे| पाकिस्तानी सेना आतंकवदियन के संघे ऊपर पहाड़ के छोटी प रहे अउरी भारतीय सेना द्वारा बनावल जतना भी बंकर रहे ओह प पाकिस्तानी सेना के कब्ज़ा हो गईल रहे| भारतीय सेना ओह बंकर में कुछ राशन आदि छोड़ के आ जात रहे ताकी ले आवे आ ले जाए के मत परो| एकर फायदा भी पाकिस्तानी सेना के भरपूर मिलल| एह युद्ध के बारें में पाकिस्तानी सरकार के तरफ से बार-बार नकारल गईल| पाकिस्तान के प्रधान्मंत्रो ओह घरी नवाज शरीफ रहले| अइसन घुसपैठ के प्लान पाकिस्तान के मात्र चार अधिकारियन के रहे| पाकिस्तानी सेना प्रमुख अउरी बाद में तानाशाह बने वाला परवेज मुशर्रफ़, लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अजीज, लेफ्टिनेंट जनरल महमूद अउरी ओहिजा के उत्तरी हिस्सा के फ़ोर्स कमांडर ब्रिगेडियर जावेद हुसैन शामिल रहन| इहाँ की पाकिस्तान के वजीर ए आजम नावज शरीफ के भी एह बात के बिल्कुल सुचना ना रहे| इ बात साफ़ तब भईल जब पकिस्तान हारला के बाद एक दूसरा प आपन हार के ठीकरा फोरे शुरू कर दिहलस| दूसरा साक्ष्य पाकिस्तानी सेना के एयर मार्शल असगर खान अउरी पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के इंटरव्यू से मिलेला|

लड़ाई शुरू होखे वाला रहे| लेकिन भारत के लगे कवनो सुचना ना रहे कि ऊपर कतना घुसपैठिया बाड़सन| ओहनी के सही पोजीशन का बा? कतना बंकर हाथ से निकल गईल बा आ कतना बाचल बा? कवना प्रकार के हथियार आतंकवादी उपयोग कर रहल बाड़s सन| एह सब के लेके भारत के लगे कवनो सही जानकारी ना रहे| शुरूआती दिनन में सेना के तरफ से जवन अंदाजा लगावल गईल आ मूल्यांकन कईल गईल उ बहुत सही ना रहल| भारत अउरी पाकिस्तान के बीच कश्मीर के लेके चौथा लड़ाई शुरू होखे लागल रहे| भारत के 19 मई तक एकर कवनो अंदाजा ना रहे कि भारत आ पाकिस्तान के बीचे जंग शुरू हो रहल बा| भारत शुरूआती दिनन में एकरा के कुछ सैकडन घुसपैठियन के हरकत मानत रहे लेकिन स्तिथि बिल्कुल अलग रहे| इहे कारण रहे कि तब के रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस एह बात के दावा कईले कि इ मसला एक दू दिन के बा| बहुत जल्दिय भारत एकरा के साफ़ कर दिही| लेकिन मई के अंतिम दिनन में इ बात कन्फर्म हो गईल कि इ लोग आतंकवादी ही ना बल्कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी सहित पाकिस्तानी फ़ौज भी एह में शामिल बा|

भारतीय फ़ौज भी एह बात के लेके चिंतित रहे कि दोसर फ्रंट खोलल एह लड़ाई में मुनासिब होई? चुकी भारतीय फ़ौज के एह बात के बढ़िया से अंदाजा अब लाग चुकल रहे कि पहाड़ के उपरे जवन भी घुसपैठिया बाड़सन ओकनी के लगे कवना प्रकार के संसाधन आदि बा| ओह सब के मूल्यांकन कईला के बाद भारत के सामने बहुत बड चुनौती रहे कि सामने से हमला कईसे कईल जाव? चुकी उचाई प होखला के वजह से बढ़िया पोजीशन भी पाकिस्तानी सेना के पक्ष में रहे| एह से दूसरा फ्रंट खोले के आईडिया एगो विकल्प रहे| लेकीन दुनो परमाणु देश होखला के चलते एह से बचल गईल जवना से खुला जंग के नौबत मत आ जाव| ना त जापान के नागासाकी अउरी हिरोशिमा वाला स्तिथि हो जाई| विश्व में पहिला बे अइसन होत रहे कि दू गो परमाणु शक्ति वाला देश आमने सामने लड़त रहे| चुकी रूस आ अमेरिका भी लड़ल बा लेकिन प्रत्यक्ष रूप से ना बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से प्रॉक्सी लड़ाई के रूप में लड़ल बा| कभी वियतनाम त कभी कोरिया के आधार बनाके लड़त आइल बा|

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भारत सरकार इ फैसला कईले रहे कि कवनो सूरत में LoC (लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल) पार नईखे करेके| देफेन्डिंग मूड में सारा बंकर के वापस पावल पहिला चुनौती रहे| परमाणु शक्ति के दबाव के वजह से दोसर फ्रंट ना खोल सकत रहे इ दूसरा चुनौती रहे| भारत हवाई हमला जईसन खतरनाक फैसला लेवल गईल जवन हतना उचाई उ अंजाम देवे जहाँ हवा बिल्कुल ना के बराबर होला| इ तीसरा बड चुनौती रहे| भारतीय सेना के लगे ख़राब पोजीशन आ पाकिस्तानी सेना के  उचाई प होखला के वजह से बढ़िया पोजीशन रहे, इ भारतीय सेना के लगे चौथा बड चुनौती रहे| एह सब चुनौतियन के सामना करे के खातिर दुगो ऑपरेशन लांच भईल| पहिला भारतीय थासेना खातिर ‘ऑपरेशन विजय’ अउरी दूसरा हवाई सेना खातिर ‘ऑपरेशन सफ़ेद सागर’ लांच कईल गईल| एह दुनो ऑपरेशन के भारतीय सेना कईसे अंजाम देलस आ पाकिस्तानी सेना के कड़ा टक्कर देके जीत हासिल कईलस एह बारे में विस्तार से चर्चा अगिला अंक में होई| एह सीरीज के अगिला लेख अगिला अतवार के……

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