स्वतंत्र भारत के झांकी : भाग – 13

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अध्याय – 2 “देश के भीतर मूलभूत एकीकरण -6”

राज्यन के भाषाई एकीकरण-‘ब’

अभी तक दूसरा अध्याय ‘देश के भीतर मूलभूत एकीकरण’ में हमनी के देखनीजा कि कईसे सबसे पहले प्रशासनिक एकीकरण भईल, ओकरा बाद आर्थिक एकीकरण, सामाजिक एकीकरण भईल| सामाजिक एकीकरण में हमनी के खासकर आदिवासी समूह के बात कईनी जा| सीरीज के दूसरा अध्याय के अगिला अंक में हमनी के राज्यंन के भाषाई एकीकरण के बारे में कुछ चर्चा भईल रहे आ कुछ बाकी रह गईल बा| ओही बाकी के चर्चा के मुक्कमल कईल जाई|

अभी ले इहे बात कईनी जी कि आजादी के पाहिले कांग्रेस आ गाँधी जी भाषा के आधार प देश के पुनर्गठन खातिर तईयार रहन जा| लेकिन विभाजन के चलते भईल तहस नहस के चलते स्वतंत्र देश में नेहरु जी के प्राथमिकता बन गईल देश के एकीकरण के| चुकी एह बात के खतरा के अंदाजा लगावल जात रहे कि कही धर्म के बाद अबकी बे भाषा भारत के विभाजन के सबब मत बन जाव| चुकी दक्षिण भारत में आन्दोलन थमे के नावे ना लेत रहे| ओह सब के देखके पाहिले नेहरु जी एस.के.धर के अध्यक्षता में समिति के गठन कईले जेकर रिपोर्ट भाषा के आधार प विभाजन के विपक्ष में आइल| फिर दक्षिण भारत में आन्दोलन अउरी उग्र होखे लागल तब नेहरु जी खुद अपना अध्यक्षता में JVP समिति के गठन कईले ताकी माहौल शांत कईल जा सको जवना के चर्चा पिछला कड़ी में हो चुकल बा|

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दिसम्बर 1951 में जब नेहरु जी आपन पाहिला लोकसभा चुनाव खातिर दक्षिण भारत में गईल रहले त बहुत विरोध के सामना करे के पडल रहे| इहाँ तक कि नेहरु जी के भाषण बीच में छोड़ के जाए के पडल| चुनाव में नेहरु जी के पहिला निति के तेलगु वोटर लोग एक सिरा से ख़ारिज कर देहलस| 1952 में कांग्रेस के परचम पूरा देश में लहरल बाक़ी तेलगु क्षेत्र में 145 सीट में से मात्र 43 सीट ही मिलल लेकिन जवाहर लाल नेहरु तबो ना डगमगईले| उनकर राय बदलल ना| उहे रहल जवन पाहिले रहल| उनकर कहना साफ़ रहे कि इ बात संभव बा कि तेलगु भाषी लोगन के अलग राज्य के मांग सही बा लेकिन जवन वक्त चलत रहे उ सही नइखे| लेकिन कहानी में मोड़ तब आइल जब 19 अक्टूबर 1952 के पोट्टी श्रीरामुलु अलग राज्य के मांग खातिर अनशन प बईठ गईले| उनकर कहना रहे कि तब तक उ अनशन पर बईठल रहिहे जब ले आन्ध्र अलग राज्य ना बन जाई अउरी मद्रास ओकर राजधानी|

एह घटना के बाद से तेलगु लोगन खातिर एगो आइकॉन मिल गईल जवन तेलगु जनता के एगो प्रतिक दे दिहलस| जवाहर लाल नेहरु श्री राजगोपालचारी के एगो चिठ्ठी लिखले जे ओह घरी मद्रास स्टेट के मुख्यमंत्री रहले| ओह चिठ्ठी में उ ओह अनशन के नजरंदाज करे के सलाह देले| उनकर बात ओहू घरी अटल रहे अउरी बदले के कवनो मंशा में ना रहले| चुकी नेहरु के लगे इहो विकल्प ना रहे कि उ मद्रास शहर के बाट देस काहे कि मद्रास एगो भारत के चर्चित शहरन में से एगो रहे| तेलगु राज्य के ममिला अउरी भड़क गईल| एह सब से घबरा के नेहरु आपन फैसला के साथे समझौता कईलन| फिर से चिठ्ठी लिख के टी.प्रकाशम एह बात के कहले कि तेलगु के अलग राज्य बनावे के अब समय आ गईल बा| पोट्टी श्रीरामलू के अनशन के लगभग पचास दिन हो चुकल रहे| स्तिथि हाथ से बहार जाए लागल रहे| साथी लोग अनसन तुरे के सलाह दिहले लेकिन पोट्टी श्रीरामलू ना मनले| चुकी एह बात के उ ठान चुकल रहन कि जब ले फैसला ना होई तब ले उ अन्न पानी कुछ ना खईहे|

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ओह घरी जरूरत एह बात के रहे कि जतना जल्दी हो सके उनकर बात के मान के अनशन तुरवावल जाव| जवाहर लाल नेहरु दक्षिण भारत के बिगड़त हालत के देख के मान लिहले| अब सबकुछ ठीक हो जाए के चाहत रहे| लेकिन इतिहास के दोसरे मंजूरी रहे| कहानी में फिर एक बे मोड़ आइल अउरी अबकी बेर मद्रास के तात्कालीन मुख्यमंत्री श्री राजगोपालाचारी तेलगु के अलग राज्य बनावे के ममिला प पीछे हट गईले| उ तार भेजिके जवाहर लाल नेहरु से आग्रह कईले कि उ एह ममिलाके कुछ अउरी दिनन तक टालस| उनकर कहनाम रहे कि तेलगु नेता सीताराम के दिल्ली बात-चित खातिर बुलाके ममिला के ठंढा करे के चाही काहे कि तेलगु लोग बहुत जल्दीए उग्र हो जाले| तक तक बहुत देर हो चुकल रहे| प्रकृति के घडी कबो ना रुकेला| जवना चीज के डर रहे उहे भईल पोट्टी श्रीरामलू के देहांत हो गईल| फिर का दक्षिण भारत बेकाबू होक सरकारी दफ्तर अउरी रेलवे स्टेशन के निशाना बनावे लागल रहे| हिंसा लगातार बढ़त चलल चल जात रहे|

3 दिन तक चलल हिंसात्मक झमेल में पुलिस फायरिंग में कुछ लोग के जान भी चल गईल रहे| गृहयुद्ध जईसन के स्तिथि रोके खातिर 19 दिसम्बर 1952 के आन्ध्र राज्य बनावे के घोषणा भईल| खैर भईल उहे जवन होखे के रहे लेकिन लेट भईल| पोट्टी श्रीरामलू सहित कुछ लोगन के जान गवावें के परल| एह फैसला के लेके जवन जवन डर रहे उ सब सामने आवे लागल रहे| जहाँ जहाँ भी भाषा के लेके आन्दोलन चलत रहे उ अउरी तेज होखे लागल रहे| खासकर के बॉम्बे के लेके|

चुकी बॉम्बे खुद ही एगो बड़हन प्रान्त लेखा रहे| एहिजा के केस दक्षिण भारत के तमिल-तेलगु लोगन के मद्रास वाला मामला से बिल्कुल सामानांतर रहे| एहिजा पहला पक्ष गुजराती रहे अउरी दूसरा पक्ष मराठी लोग| दुनो लोग के चाहत रहे कि अपना अपना भाषा के राज्य के गठन करस लोग लेकिन दुनो लोग महाराष्ट्र के अपना राज्य के राजधानी बनावे के मांग करत रहे| बॉम्बे भी मद्रास लेखा अंग्रेजन के जमाना से चलत आवत एगो बरियार प्रान्त रहे|

जईसे तमिल-तेलगु लोग में त इ बात साफ़ रहे कि तेलगु लोग भौगोलिक अउरी भाषाई कवनो कंडीशन में फिट ना बइठत रहे| लेकिन गुजरती अउरी मराठी लोगन में दोसर पैरामीटर के लेके लड़ाई रहे| मराठी लोग के कहनाम रहे कि बॉम्बे में मराठी लोगन के जनसख्या ज्यादा बा| सबसे ज्यादा मराठी बोले वाला लोग बा| लेकिन गुजराती लोग व्यापार के लेके बॉम्बे खातिर दावा करत रहे| ओह में एगो अउरी पक्ष आ गईल बॉम्बे सिटीजन समिति जवना में बड़हन बड़हन लोग रहले जईसे JRD टाटा| एह लोग के कहनाम इ रहे कि बॉम्बे एगो अलग राज्य बने|

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एह लोगन के तर्क रहे भी बॉम्बे विविधता वाला जगह ह| एहिजा जगह जगह से लोग आके बसल बा| चुकी जवाहर लाल नेहरु एह बात के जानत रहले कि अब गड़बड़ होई| एह से जईसही आन्ध्रप्रदेश के मांग पूरा भईल ओकरा तुरंत बाद 22 दिसम्बर 1953 के पहिला राज्य पुनर्गठन आयोग(Reorganization committee) बनल| जवना के ध्येय रहे कि लोगन के करीब से जान के पूछे कि का वास्तव में लोग भाषा के आधार प राज्यन के मांग कर रहल बा का?

बॉम्बे सिटीजन समिति के ओह गुजराती लोगन के भी समर्थन रहे जे ना चाहत रहे कि बॉम्बे मराठी लोगन के राजधानी बने अउरी मराठी लोगन के दबदबा बने| प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु भी बॉम्बे के कवनो एगो भाषा के सायरा में ना रखल चाहत रहले| संयुक्त महाराष्ट परिषद के अध्यक्ष शंकर राव देव मेमोरेंडम में एह बात के साफ कर दिहले रहन कि बगैर बॉम्बे के महाराष्ट्र के कल्पना भी नइखे कईल जा सकत| एह बात प इ परिषद बॉम्बे सिटीजन समिति से भी बात कईले|

बॉम्बे सिटीजन समिति के नेता के मानना रहे कि संयुक्त महारष्ट्र परिषद के बात तबे मानल जा सकत बा जब मराठी लोग बॉम्बे के द्विभाषी रूप में स्वीकार्य करे| बात साफ़ रहे बॉम्बे प खाली मराठी लोगन के हक ना रही| सभे के रही| लगभग 18 महिना के छान-बिन के बाद अक्टूबर 1955 के उ रिपोर्ट सामने आइल जवन भारत के भगौलिक स्तिथि बदले वाला रहे| भईल उहे जवना के डर रहे| इहाँ तक कि नेहरु जी के मजबूरन माउंट बेटेन के चिठ्ठी लिख के दशा के विवरण करे के परल|

राज्य पुनर्गठन आयोग के रिपोर्ट आइल अउरी भाषा के आधार प पुनर्गठन प भी मान गईल| महारष्ट्र के कवनो ख़ास भाषा के देवे से भी इनकार कईलस| अउरी विदर्भ में मराठी बोले जाए के कारण अलग राज्य बनावे के भी मांग कईलस| हर जगहा आयोग के रिपोर्ट प हंगामा शुरू हो गईल| हालात तब अउरी बेकाबू हो गईल जब बॉम्बे के मुख्यमंत्री महारष्ट्र, गुजरात अउरी बॉम्बे के अलग अलग तीन राज्य बनावे के पेशकश कईले| मोरारजी देशाई के बरियार विरोध के सामना भी करे के परल रहे|

दक्षिण भारत के शांत भईला के बाद पश्चिमी भारत में आग, लूट अउरी हिंसा ख़त्म होखे के नाव ना लेत रहे| पुलिस फायरिंग में बहुत लोग मारल गईले| बॉम्बे के घटना के बाद नेहरु जी के एह बात के एहसास हो गईल रहे कि उनकर टीम भाषाई आधार प राज्य के पुनर्गठन के ममिला प आदमिन के मन के ढंग से समझ ना पईलस| बॉम्बे प आपन दावा छोड़े खातिर ना त मराठी तईयार रहन अउरी नाही गुजराती| बॉम्बे के अलग राज्य बनावे पर भी विवाद रहे| अइसना में बीच के रास्ता के जरुरत रहे जवना के एलान जवाहर लाल नेहरु कईले|

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जवाहर लाल नेहरु एह बात के एलान कईले कि महाराष्ट्र अउरी गुजरात अलग अलग राज्य बनी लेकिन बॉम्बे अगिला पांच साल तक केन्द्रशासित प्रदेश बनल रही| प्रधानमंत्री नेहरु के इ निर्णय भी हिंसा के रोक ना पावल| बॉम्बे में फिर से दंगा अउरी आगजनी जईसन चीज जन्म लेवे लागल| मामला अउरी उलझ गईल| महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता एह फैसला के खिलाफ खुलके सामने आवे लगले| केन्द्रीय वित्त मंत्री सी.डी. देशमुख आपन स्तीफा तक दे देले| उनकर कहनाम रहे कि नेहरु बिना कैबिनेट में चर्चा कईले एह बात के एलान कर दिहले|

एह बात प भी बहुत विवाद रहल बा| राज्य पुनर्गठन आयोग के मुताबिक जवन नया बॉम्बे बनल उ पहिलको से बड रहे| नया वाला में सौराष्ट्र, कच्छ अउरी हैदराबाद के मराठवाडा क्षेत्र के साथे साथे मध्य भारत के नागपुर के अलावां मैसूर के मराठी क्षेत्र के भी शामिल कर देवल गईल रहे| माने इ कि जहाँ से कहानी शुरू भईल ओहिजे घूम फिर के पहुच गईल| नेहरु चाहत रहले कि जल्दी से जल्दी राज्य पुनर्गठन बिल पास करके भाषाई आधार प राज्य के मांग प रोक लगावल जा सके|

लेकिन जवाहर लाल नेहरु जल्दबाजी कर बईठलन| आयोग के सब बात ना मनलन| ओह आयोग में आन्ध्र के अलावां तेलंगाना के भी सिफारिस कईल गईल रहे| रामलु के अनशन प मरला के बाद सबकुछ अतना जल्दबाजी में कईल गईल कि बहुत कुछ निर्णय रह गईल| विदर्भा के भी अलग राज्य बनावे के मांग के शिफारिस कईल गईल रहे| नेहरु सबकुछ दरकिनार कर दिहले रहन| 1 नवम्बर 1956 के राज्य में पुनर्गठन के बिल पारित हो गईल रहे| एकरा हिसाब के भारत में कुल 14 राज्य अउरी 6 केन्द्रशासित बनल| नयका राज्य में उत्तर में पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश आ दक्षिण में आँध्रप्रदेश, मैसूर, मद्रास अउरी केरल रहे|

PEPSO(पटीयाला एंड ईस्ट पंजाब स्टेट) के पंजाब में शामिल कर देवल गईल आ हिमाचलप्रदेश के केन्द्रशासित प्रदेश में शामिल कर देवल गईल| बॉम्बे अउरी मध्य भारत के कुछ जिला राजस्थान के हिस्सा बनल| मध्यभारत, विंध्यप्रदेश अउरी भोपाल के मिलाके मध्यप्रदेश के निर्माण भईल| बॉम्बे अउरी हैदराबाद के कन्नड़ भाषी जिलान के मिलाके मैसूर में जोड़ देवल गईल जवना के 1973 में कर्नाटक कर देवल गईल| टत्रावनकोर अउरी कोच्ची के मिलाके केरल के निर्माण भईल|

एह सीरीज के 20वां भाग अगिला अंक में…..

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