स्वतंत्र भारत के झांकी : भाग – 24

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अध्याय – 3 “भारत के पडोसी देशन से युद्ध  – 10”

1999 : भारत पाकिस्तान युद्ध – ‘ब’

एह अध्याय में भारत पाकिस्तान युद्ध 1999 के बात होई| अभी तक हमनी के पहिला अध्याय ‘राष्ट्र एकीकरण के चुनौती’ के बारे में देखनी जा| एह अध्याय में हमनी के एह बात से अवगत भईनी जा कि कईसे लार्ड माउंटबेटेंन, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरु अउरी वी.पी. मेनन के टीम पाहिले त्रावनकोर ओकरा बाद जोधपुर, जैसलमेर, जूनागढ़, हैदराबाद अउरी कश्मीर के एकीकरण करे में सफल भईले जा| दूसरा अध्याय ‘देश के भीतर मूलभूत एकीकरण’ में हमनी के देखनीजा कि कईसे सबसे पहले प्रशासनिक एकीकरण भईल, ओकरा बाद आर्थिक एकीकरण, सामाजिक एकीकरण भईल| एकरा अलावां राज्यन के भाषाई एकीकरण अउरी क्षेत्रीयता के खिलाफ एकीकरण प भी चर्चा कईनी जा|

ओकरा बाद तीसरा अध्याय शुरू भईल जवन भारत के पडोसी देशन के साथे जतना युद्ध भईल बा ओकरा बारें में विस्तार से चर्चा हो रहल बा| एह अध्याय के पहिला अंक में भारत पकिस्तान के पहिला युद्ध 1947 के बात हो चुकल बा| ओकरा बाद दूसरा आ तीसरा अंक में भारत चाइना युद्ध 1962 के बारें में बतकही भईल| चौथा अउरी पांचवां अंक में भारत पाकिस्तान के दूसरा युद्ध 1965 के बारे में चर्चा हो चुकल बा| ओकरा बाद भारत बनाम पाकिस्तान के तीसरा युद्ध यानि कि 1971 के बारे में चर्चा भईल| पिछले अंक में 1999 कारगिल युद्ध के बात भईल रहे बाकी के एह अंक में होई|

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जईसन की पिछला लेख में बात कईनी जा कि भरतीय फ़ौज के लगे बहुत ज्यादा चुनौती रहे| परमाणु शक्ति के दबाव के वजह से दोसर फ्रंट ना खोल सकत रहे इ दूसरा चुनौती रहे| भारत हवाई हमला जईसन खतरनाक फैसला लेवल गईल जवन हतना उचाई उ अंजाम देवे जहाँ हवा बिल्कुल ना के बराबर होला| इ तीसरा बड चुनौती रहे| भारतीय सेना के लगे ख़राब पोजीशन आ पाकिस्तानी सेना के उचाई प होखला के वजह से बढ़िया पोजीशन रहे, इ भारतीय सेना के लगे चौथा बड चुनौती रहे|

अइसना में भारत के लगे एके विकल्प बच गईल रहे कि उ सामने से लड़ो अउरी आपन बंकर आ जगह वापस ले लेवो| सामने से लडला के सबसे बड दिक्कत इ रहे भारतीय सेना के एगो बड पैमाना प शहादत| जब बाजपाई सरकार कारगिल से पाकिस्तानी फ़ौज के निकाले के फैसला कईले रहन तब उ बहुमत खो चुकल रहन| एकरा बाद भी कुछ ठोस फैसला लेवल गईल जवना में हवाई हमला के अंजाम देवे के प्लान कईल गईल| लेकिन हवाई सेना के एह चीज के हिदायत कईल गईल रहे कि LoC पार नइखे करे के| बस देफेन्डिंग मूड में आपन क्षेत्र वापस लेवे के लक्ष्य रहे|

भारत के फ़ौज थलसेना अउरी वायुसेना दुनो फमाध्यम से हमला करे के योजना बनवलस| थलसेना के ऑपरेशन के नाम दिहल गईल ‘ऑपरेशन विजय’ जबकी वायुसेना के ऑपरेशन के नाम दिहल गईल ‘ऑपरेशन सफ़ेद सागर’| छोट छोट टुकड़ी में बटल थलसेना के सैनिकन के लक्ष्य रहे कि सामने से लड़ो अउरी चौकिन प कब्ज़ा करो| भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में करगिल भारत पाकिस्तान के संघर्ष के पहिला लड़ाई रहे जवना के तस्वीर आ पल पल के खबर देश के घर-घर में पहुंचत रहे|

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भारतीय थलसेना के बहुत दिक्कत होत रहे| ना त सही पोजीशन के पता चल पावत रहे अउरी नाही सैनिकन के तादाद के| एह ऑपरेशन के मदद करे खातिर ऑपरेशन ‘सफ़ेद सागर’ लांच कईल गईल रहे| जवना के पहिला फेज के उद्देश्य ही इहे रहे कि पाकिस्तानी फ़ौज के तादाद, हथियार आ पोजीशन के जानकारी दे सके| थलसेना के जानकारी मिलत गईल अउरी एक एक करके पोस्ट भारत जीतल गईल| एह लड़ाई में ओईसे त बहुत सारा जवान शहादत देले जवना में कुछ एक जवानन के शहदात बहुत यादगार बन गईल|

ओह में एगो विक्रम बत्रा रहन अउरी दूसरा सौरभ कालिया| विक्रम बत्रा शेरशाह के नाम से प्रसिद्ध रहन| विक्रम बत्रा जब चोटी से रेडियो के माध्यम से आपन विजय उद्घोष ‘यह दिल मांगे मोर’ कहलन तब सेना ही ना बल्कि पूरा भारत में उनकर नाम छा गईल| एही दौरान विक्रम के कोड नाम शेरशाह के साथ ही उहाँ के ‘कारगिल का शेर’ के भी संज्ञा दे देवल गईल| अगिला दिन चोटी 5140 प भारतीय झंडा के साथे विक्रम बत्रा अउरी उनकर टीम के फोटो मीडिया में आइल त हर कोई उहाँ के दीवाना हो गईल|

एकरा बाद सेना चोटी 4875 के भी कब्ज़ा में लेवे के अभियान शुरू कर दिहलस| एह बार भी बागडोर विक्रम के ही सौंपल गईल| बिना जान के परवाह कईले लेफ्टिनेंट अनुज नैयर के साथे कव गो पाकिस्तानी सैनिकन के मौत के घाट उतार देले रहन| मिशन लगभग पूरा हो चुकल रहे जब कैप्टन अपना कनिष्ठ अधिकारी लेफ्टीनेंट नवीन के बचावे खातिर लपकले| लड़ाई के दौरान एगो विस्फोट में लेफ्टीनेंट नवीन के दुनो पैर बुरी तरह से जख्मी हो गईल रहे| जब कैप्टन बत्रा लेफ्टीनेंट के बचावे खातिर पीछे घसीटत रहन तब उनका छाती में गोली लाग गईल अउरी उ शहीद हो गईले|

एगो अउरी सेना के जवान के शहादत के भी काफी शान से लेवल जाला| सौरभ कालिया भारतीय थलसेना के एगो अफ़सर रहन| इहाँ के कैप्टेन के रूप में प्रमोशन के एक महिना भी ना भईल रहे| कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तानी सिक्योरिटी फोर्सेज़ द्वारा बंदी अवस्था में मार देवल गईले| गश्त लगावत समय इहाँ के आ पाँच अन्य साथियन के ज़िन्दा पकड़ लेवल गईल रहे अउरी ओह लोग के कैद में रखल गईल, जहवाँ एह लोग के यातना के सामना करे के परल रहे अउरी फिर मार देवल गईल| पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रताड़ना के समय एह लोगन के कानन के गर्म लोहे की रॉड से छेदल गईल रहे, आँखन के फोर देवल गईल रहे अउरी निजी अंग काट देवल गईल रहे|

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इ घटना एह से ख़ास अउरी बा काहे कि पाकिस्तान, युद्ध के समय युद्ध के सारा नियम के तार तार कर चुकल बा| युद्ध बंदी के अगर मुआवही के बा त ओकर एगो मानवीय तरीका होला| अमानवीय ढंग से कवनो भी सेना से बर्ताव ना करे के चाही| पाकिस्तान शायद भुला गईल होई कि कुछ तीस बारिस पाहिले भारत नब्बे हजार सैनिकन के सही सलामत छोडले रहे| भारत अउरी पाकिस्तान के बीच युद्ध के इ व्यावहारिक पक्ष के अंतर ह|

खैर बात आगे बढ़ल| थलसेना के मदद करे खातिर वायुसेना के सहारा लेवल गईल| 1971 के बाद फिर से हवाई हमला खातिर MIG29 उडान भरल गईल| एह ऑपरेशन के नाम देवल गईल ‘सफ़ेद सागर’| MIG29 के खासियत इ रहे कि हवा में दोसर विमानन के सुरक्षा देत रहे| 60 दिन तक चले वाला ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ में वायुसेना के करीब 300 विमान 6500 बार उड़ान भरले रहे| IAF के फाइटर जेट्स 1235 मिशन उड़ान भरलस अउरी 24 बड़ टारगेटन के निशाना बनवलस| कारगिल की ऊंचाई समुद्र तल से 16000 से 18000 फीट ऊपर रहे| अईसना में, विमानन के करीब 20,000 फीट के ऊंचाई प उड़े के पड़त रहे| हतना ऊंचाई प हवा के घनत्व भी 30% से कम होला जवन की खरनाक चीज होला फाइटर प्लेन खातिर|

ऑपरेशन सफ़ेद सागर मूल रूप से तीन फेज में रहे| पहिला फेज में सबसे पाहिले एयरफोर्स ऊंचाई प बईठल दुश्मनके पहचान कईलस| हथियार अउरी बंकरन के डिटेल्स अउरी फोटोज़ जुटवलस| दूसरा फेज़ में ऊंच चोटिन प जमल घुसपैठियन के कैम्पन, अउरी ओकनी के हथियारन, भोजनअउरी तेल सप्लाई सिस्टम आदि प सीधा हमला कईल गईल| तीसरा अउरी फाइनल फेज में इज़रायल से मिलल नाइट विज़न डिवाइस अउरी लेज़र गाइडेड बमन से सटीक हमला कईला के बाद भारतीय सेना से सफलता मिलल|

एह लड़ाई में कुछ अजीबो गरीब तथ्य भी शामिल बा| शुरुआत में पाकिस्तान कारगिल में होखे के बात से इनकार करत रहे| इहे कारण रहे कि पाकिस्तान आपन सैनिकन के मृत शरीर के वापस लेवे से भी मन कईले रहे| लेकिन बहुत बाद में 2009 में जाके आपन लगभग तीन हजार  सैनिकन के शहीद के दर्जा देलस| नवाज शरीफ़ एह बात के ख़ुलासा कईले कि कारगिल प क़ब्ज़ा करे के साज़िश तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ के रहे|

अउरी एह बात के भी खुलासा कईले कि युद्ध के दौरान उहाँ के क़ैद कर लेवल गईल रहे| कारगिल में पाकिस्तानी सेना के प्रवेश परवेज मुशर्रफ़ के आदेश पर ही भईल रहे, जबकि परवेज मुशर्रफ़ इ कहत रहले कि कारगिल में आतंकवादी उपस्थित बा| मतलब कि जनरल मुशर्रफ अतना महत्वकांक्षी रहन कि अपना सैनिक के ही आतंकवादी घोषित कर देले रहन| उ आपन महत्वाकांक्षा 1999 के तख़्तापलट में पूरा कईले| नौ साल उ पाकिस्तान में शासन कईले| उ अइसन व्यक्ति रहन जे अइसन घटना के अंजाम देलस, जवना कारन पाकिस्तान के सैनिक, संसाधन अउरी कूटनीतिक नुक़सान पहुंचल| उहे व्यक्ति जब सत्ता में आइल तब शांति वार्ता खातिर आगरा पहुंच गईल|

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इ बात सत्य भी बा कि एह योजना के गुप्त रूप से अंजाम देवल गईल रहे| एह में ना सिर्फ पाकिस्तान के तात्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ शामिल रहन बल्कि इनका अलावां चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टॉफ़ लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अज़ीज़, लेफ़्टिनेंट जनरल जावेद हसन और लेफ़्टिनेंट जनरल महमूद अहमद आदि अफसर भी शामिल रहे| इ बात पाकिस्तानी सरकार से छुपा के रखल गईल रहे| इहे ना कारगिल के लड़ाई के दौरान पाकिस्तानी एयर फोर्स के चीफ के पाहिले एह ऑपरेशन के खबर ना देवल गईल रहे|

जब एह बारे में पाकिस्तानी एयर फोर्स के चीफ के बतावल गईल तब उ एह मिशन में आर्मी के साथ देवे से मना कर देले रहन| इ गुप्त योजना परिपक्व समय प सामने आइल तब पाकिस्तान में अस्थिरता पैदा हो गईल| अमेरिका के दबाव में नवाज शरीफ के आदेश देवे के परल कि सेना वापस आ जाव| चुकी नवाज शरीफ अमेरिका के हस्तक्षेप करे के कहले| तब के अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिंटन नवाज शरीफ से पीछे हटे के सलाह देले| पाकिस्तानी सेना के पीछे हटते युद्ध विराम हो चलल रहे|

एह युद्ध के परिणाम इ भईल कि भारत में बीजेपी सत्ता में आ गईल| 13वां लोकसभा में बीजेपी 303 सीट जितके सरकार बनईलस| ओहिजे दूसरा दने पाकिस्तान में लोकतंत्र के खत्म करके मिलिट्री के तानाशाह के आगमन भईल| नवाज शरीफ प मुशर्रफ आरोप लगईले कि उ सेना के पीछे बोलवा के पाकिस्तान के हार के कारण बाड़े| पाकिस्तान में ब्लेम गेम शुरू भईल| मुशर्रफ प आरोप लागल कि उ अमेरिका के दबाव के आगे झुक गईले| बाद में पाकिस्तान एह बात के भी स्वीकार्य कईलस कि पाकिस्तानी सेना कारगिल में मौजूद रहे|

एह युद्ध के खासियत इ रहल कि पहिला बेरी दुगो परमाणु शक्ति वाला देश आमने सामने होके लड़ल| पहिलहू लड़ल बाड़ीसन देश लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से प्रॉक्सी वार के रूप में| एकरा अलावां अब तक के सबसे ऊचा पहाड़ प लड़ाई भईल| पहिला बेरी अइसन भईल कि अमेरिका भारत के खुल के समर्थन कईलस| भारत में पहिला हाली अइसन भईल कि लड़ाई के मीडिया द्वारा कवर कईल गईल| एह प्रकार से लड़ाई में बहुत कुछ चीज नया आ अलग भईल| एह सीरीज के अगिला लेख अगिला अतवार के……

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